BIG NEWS: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर टोल दरें लागू, 20 अप्रैल से भरें फर्राटा

Tricity Today | दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे



दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे हापुड़ बाईपास तक बनकर तैयार हो गया है। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल दरें तय कर दी हैं। टोल दरों की घोषणा कर दी गई है और 1 अप्रैल से लागू भी हो चुकी हैं। क्योंकि, पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा था और सरकार ने नेशनल हाईवे एक्सप्रेस वे के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा रखी थी। अब 20 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होगा तो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का लोग इस्तेमाल कर सकेंगे। लेकिन, इसके लिए टोल चुकाना होगा।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में सराय काले खां रिंग रोड से नोएडा छिजारसी होते हुए हापुड़ बाईपास तक एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हो गया है। यह 51 किलोमीटर की दूरी होगी और इस पर 20 अप्रैल से यात्रा करने की अनुमति रहेगी। एक्सप्रेस वे अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग सुविधाओं के साथ बनाया गया है। कई स्थानों पर यह फोर लेन है। सिक्स लेन और गाजियाबाद से लेकर दिल्ली तक यह 8 लाइन का है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इस पर यात्रा करने के लिए टोल दरें अच्छी-खासी निर्धारित की हैं।

सराय काले खां रिंग रोड पर जीरो पॉइंट से हापुड़ बाईपास तक 51 किलोमीटर की दूरी के लिए टोल दरें तय की गई है। कार, जीप और हल्के वाहनों के लिए एक तरफ का टोल ₹125 चुकाना होगा। अगर 24 घंटे में आवागमन करेंगे तो दोनों और का शुल्क ₹190 होगा। एक महीने के लिए पास भी जारी किया जाएगा। जिसमें 50 एकल यात्राएं करने की छूट रहेगी। यह एक महीने का पास ₹4225 में मिलेगा। 

एनएचएआई के अधिकरियों के मुताबिक हल्के कमर्शियल व्हीकल और हल्के मालवाहक वाहनों के लिए एक तरफ की यात्रा ₹205 में होगी। 24 घंटे में लौट फेर करने के लिए ₹305 देने होंगे। इस श्रेणी के वाहनों को मासिक पास ₹6820 में मिलेगा। अब मेरठ से दिल्ली का सफर आसान हो गया है। अभी तक लोगों को मेरठ पहुंचने के लिए गाजियाबाद, मोदीनगर और मुरादनगर के भारी जाम का सामना करना पड़ता था। इस मार्ग के शुरू हो जाने से रोजाना आवागमन करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कार्यकाल का काम शुरू करते ही इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की घोषणा की थी। उस वक्त सरकार ने दावा किया था कि अधिकतम 3 वर्षों में एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन इस रास्ते के आड़े इतनी अड़चनें थीं कि तमाम कोशिशों के बावजूद परियोजना का काम पूरा करने में 6 वर्ष का समय लग गया। अभी हापुड़ से मेरठ तक दूसरे फेज का काम चल रहा है। जिसके जल्दी पूरा होने की उम्मीद है। हापुड़ से मेरठ वाला फेस पूरा होने के बाद इस एक्सप्रेस वे से बागपत और उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों तक दिल्ली की पहुंच और आसान हो जाएगी।

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