सुदीक्षा भाटी मौत के मामले में दो गिरफ्तार

Tricity Today | सुदीक्षा भाटी मौत के मामले में दो गिरफ्तार



बुलंदशहर पुलिस ने रविवार को बताया कि 20 वर्षीय छात्रा सुदीक्षा भाटी मौत मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सुदीक्षा भाटी गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी स्थित डेरी स्केनर गांव की रहने वाली थीं। 10 अगस्त को बुलंदशहर जिले में उसकी मौत सड़क हादसे में तब हुई, जब वह रिश्ते के अपने छोटे भाई के साथ मोटर साइकिल की पिछली सीट पर बैठकर कहीं जा रही थी। मोटर साइकिल चला रहा उसका भाई नाबालिग है। 

पुलिस ने कहा कि उसने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दो लोगों- दीपक चौधरी और राजू को गिरफ्तार किया है। सुदीक्षा एक प्रतिभाशाली छात्रा थी और अमेरिका के मैसाचुसेट्स स्थित बाबसन कॉलेज से उद्यमिता के पाठ्यक्रम में स्नातक की पढ़ाई कर रही थी और उसे 20 अगस्त को वापस अमेरिका लौटना था। सुदीक्षा के परिवार ने आरोप लगाया कि दो अज्ञात लोगों द्वारा उनका पीछा किए जाने और उत्पीड़न करने की वजह से यह हादसा हुआ। हालांकि, पुलिस का कहना है कि कुछ लोग इस मामले को दूसरा रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।

गौतलब है कि डेरी स्किनर गांव के रहने वाले जितेंद्र भाटी की बेटी सुदीक्षा भाटी ने एचसीएल फाउंडेशन के स्कूल विद्या ज्ञान से पढ़ाई की थी। वर्ष 2018 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में सुदीक्षा ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। अच्छे अंक आने के बाद सुदीक्षा को अमेरिका के बाॅबसन कॉलेज में दाखिला मिल गया। जिसके बाद उसे 3.83 करोड़ रुपये की स्काॅलरशिप दी गई थी। जून माह में वह कोरोना संक्रमण में लाॅकडाउन के कारण गांव आई हुई थी। आगामी 20 अगस्त को उसे वापस अमेरिका लौटना था। सोमवार को उसकी मौत हो गई थी।

सुदीक्षा भाटी ने सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में  98 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया था। सिकंदराबाद के दुल्हेरा गांव के विद्या ज्ञान स्कूल की छात्रा सुदीक्षा भाटी ने 12वीं कक्षा में अंग्रेजी विषय में 95, इतिहास में 100, राजनीति विज्ञान में 96, भूगोल में 99, अर्थशास्त्र में 100 अंक हासिल किए थे। 

सुदीक्षा का चयन साल 2011 में विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी स्कूल में हुआ। वहीं से उनकी जिंदगी में बदलाव आया था। अब सुदीक्षा बॉबसन कॉलेज से आंत्रेप्रेन्यॉरशिप में ग्रैजुएशन कर रही थीं। सुदीक्षा भाटी बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थीं। आपको बता दें कि स्कूल की ओर से स्कॉलरशिप के लिए अमेरिका में आवेदन किया था। सुदीक्षा का कहना था कि उसका सपना सच हो गया। सुदीक्षा अगस्त 2018 में अमेरिका गई थीं। सुदीक्षा की कामयाबी इसलिए और ज्यादा बड़ी थी क्योंकि वह एक गरीब परिवार से आई थीं। उनके पिता चाय बेचने का काम करते हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी इस बात को सुदीक्षा की पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया था।

अन्य खबरें