BIG NEWS: यूपी में घटीं कोरोना वायरस के टेस्ट की कीमत, अब 2500 में नहीं इतने रुपये में होगी जांच

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। अभी तक केंद्र सरकार के आदेश पर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए लोगों को प्राइवेट लैब में 2500 रुपए खर्च करने पड़ रहे थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने अब इन दरों को घटा दिया है। इसके लिए गुरुवार को राज्य के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने एक शासनादेश जारी किया है। शासनादेश में कहा गया है कि सरकार की ओर से दोबारा निर्धारित की गई दरों पर ही प्राइवेट अस्पताल और लैबोरेट्री कोरोना वायरस की जांच करेंगे। इससे ज्यादा कीमत लेने पर महामारी अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

यूपी के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने राज्य के सभी जिला अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को यह आदेश भेजा है। जिसमें कहा गया है कि अब कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच आरटी पीसीआर विधि से करने के लिए आम आदमी से 1600 रुपये शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क राज्य के सभी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं के लिए लागू किया गया है। अभी तक उत्तर प्रदेश में आरटी पीसीआर जांच के लिए 2500 रुपये प्रति टेस्ट की दर निर्धारित की गई थी। अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि ट्रूनेट के कनफॉरमेटी टेस्ट के लिए भी अधिकतम शुल्क 1600 रुपये ही लिया जाएगा। कोई भी निजी प्रयोगशाला अब 1600 से अधिक धनराशि किसी भी मरीज से वसूल नहीं करेंगी। अगर इस आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो एपिडेमिक डिजीज एक्ट-1897 उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 नियमावली-2020 के तहत उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे मामलों में जिला प्रशासन को कठोर दंड देने की छूट होगी।

आपको बता दें कि इस वक्त उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण पीक पर है। रोजाना पूरे राज्य से बड़ी संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं। महामारी की चपेट में आकर मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ गई है। राज्य के कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और बरेली जिलों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है। ऐसे में राज्य सरकार अपने अस्पतालों को पूरी क्षमता के साथ संचालित कर रही है। दूसरी ओर कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए निजी क्षेत्र के अस्पताल में प्रयोगशालाओं को भी उपयोग में लाया जा रहा है। सरकार का इस बात पर पूरा जोर है कि संक्रमण के इलाज के नाम पर आम आदमी के साथ धोखाधड़ी और कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के टेस्ट और इलाज की दरें निर्धारित की हैं।

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