Tricity Today | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
आज योगी आदित्यनाथ का जन्म दिवस है। वह 48 साल के हो गए हैं। उनका व्यक्तिगत जीवन एक खुली किताब है। जिसके बारे में हर कोई सब कुछ जानता है। ऐसे में यह जानना सबसे ज्यादा जरूरी है कि योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में कैसा काम किया है? उनके विजन और फैसलों का प्रदेश की जनता को कितना लाभ पहुंचा है? इन सब मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ट्राइसिटी टुडे ने देश के टॉप ब्यूरोक्रेट्स, राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों से बात की है। इसी कड़ी में हम सबसे पहले भारत सरकार में उद्योग सचिव, राज्यसभा के महासचिव, नोएडा प्राधिकरण की स्थापना करने वाली टीम के लीडिंग मेंबर और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके योगेंद्र नारायण से हुई बातचीत यहां पेश कर रहे हैं।
योगेंद्र नारायण ने कहा, "योगी आदित्यनाथ का बतौर मुख्यमंत्री 3 बातों से आंकलन किया जा सकता है। वह कैसे प्रशासक हैं? उनके फैसलों का राज्य की जनता पर क्या प्रभाव पड़ा है? और उनकी टीम में काम करने वाले लोग कौन हैं? इन तीनों सवालों के जवाब योगी आदित्यनाथ के कामकाज और उत्तर प्रदेश के हालात की एक साथ तस्वीर पेश करते हैं।"
आम आदमी के दर्द को फील करना सबसे बड़ी बात
योगेंद्र नारायण कहते हैं, "सबसे पहले मौजूदा परिस्थितियों पर विचार करने की आवश्यकता है। लॉकडाउन शुरू होते ही लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश लौटने लगे। योगी आदित्यनाथ ने उनकी समस्याओं को जमीनी हकीकत पर जाकर समझा। उनके लिए घर जाने की व्यवस्था की गई। उन्हें फ्री में इलाज उपलब्ध कराया गया। फ्री खाना दिया गया। उन्होंने प्रदेश के हर बाशिंदे को देश के कोने-कोने से वापस लाने के लिए व्यापक अभियान छेड़ा और इस पर आने वाले पूरे खर्च का वहन सरकार ने किया।"
योगेंद्र नारायण ने कहा, "मैं इसे उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में एक नया अध्याय मानता हूं। सामान्य रूप से भी अगर इसे देखा जाए तो यह कोई छोटा काम नहीं था। 32 लाख लोगों को इतने बड़े देश से उनके घर पहुंचाना बहुत बड़ा काम है। देश के तमाम राज्यों में यह व्यवस्था लोगों को नहीं मिल सकी। इससे पता चलता है कि योगी आदित्यनाथ आम आदमी की तरह सोचते हैं और फील करते हैं। योगी आदित्यनाथ का यह गुण बाकी तमाम नेताओं के लिए अनुकरणीय है।"
कानून-व्यवस्था को पटरी पर लेकर आए हैं
योगेंद्र नारायण, योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी उपलब्धि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लेकर आना मानते हैं। वह कहते हैं, "यूपी की कानून-व्यवस्था के बारे में सबको मालूम है। योगी आदित्यनाथ ने सरकार में आते ही कानून-व्यवस्था को अपनी प्राथमिकता बनाया। उन्होंने अपराध के प्रति जीरो टोलरेंस पॉलिसी लागू की। पुलिस को मजबूत किया। पुलिस के आधारभूत ढांचे को मजबूत किया। पुलिसिंग को मजबूत किया गया। उन्होंने राज्य से अपराधी और अपराध को हटाने में बड़ा काम किया है।"
योगेंद्र नारायण ने कहा, "उत्तर प्रदेश पुलिस ने योगी आदित्यनाथ के आने के बाद व्यापक स्तर पर अपराध के खिलाफ अभियान छेड़ा है। इसमें कोई शक नहीं है कि आज यूपी का बाशिंदा खुद को पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है। अगर हम नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आज और योगी आदित्यनाथ से पहले की कानून-व्यवस्था के बीच का फर्क देखें तो सारी चीजें समझ में आ जाएंगी। लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में योगी आदित्यनाथ ने कमिश्नर रूल लागू करके दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है। तमाम तरह की समस्याओं और दबावों के चलते उनसे पहले के मुख्यमंत्री यह फैसला नहीं ले पाए थे। उन्होंने साबित किया है कि अपराध रहित राज्य के लिए कड़े फैसले लेने पड़ेंगे।"
उन्होंने एक शानदार टीम अपने साथ खड़ी की
योगेंद्र नारायण सिंह कहते हैं, "किसी भी प्रशासक के लिए यह जरूरी है कि वह अपने लिए मजबूत अच्छी टीम तैयार करें। योगी आदित्यनाथ ने यह काम बखूबी किया है। उन्होंने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, मंत्री चयनित किए हैं। अपने कार्यालय में अच्छे, काबिल ईमानदार और बढ़िया रिकॉर्ड वाले मंत्रियों-अफसरों को रखा है जिसके शानदार रिजल्ट भी देखने को मिल रहे हैं। लॉकडाउन पीरियड की आपातकालीन परिस्थितियों में इस टीम ने एकजुट होकर बहुत शानदार काम किया है। पहले लोगों को उनके घर पहुंचाया और अब यह टीम यूपी के वापस लौट कर आने वाले श्रमिकों को काम देने की शानदार योजना तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री और उनकी टीम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने लिए जो योजनाएं बना रही है, वह अब से पहले किसी ने बनाने की कभी कोशिश नहीं की थी।"
योगेंद्र नारायण ने कहा, "उत्तर प्रदेश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। जरूरत संसाधनों का उचित प्रबंधन करके उपयोग करने की है। यह काम योगी आदित्यनाथ बहुत बेहतर ढंग से कर रहे हैं। जब वह शुरुआत में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे तो अधिकांश लोगों का मत था कि उनके पास अनुभव की कमी है। पता नहीं वह कैसे राज्य को चला पाएंगे। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने अपने फैसलों से इन आशंकाओं को निर्मूल साबित किया है। मैं यह बात कहने में कतई गुरेज नहीं रखता हूं कि उत्तर प्रदेश को योगी आदित्यनाथ के एक लंबे कार्यकाल की आवश्यकता है।"
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