Tricity Today | विकास दुबे और जय बाजपाई।
आखिरकार 15 दिन बाद कानपुर पुलिस ने विकास दुबे के खजांची जय वाजपेई को गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार की सुबह जय वाजपेई की गिरफ्तारी कानपुर पुलिस ने दिखाई है। माना जा रहा है कि आज सुप्रीम कोर्ट में इस पूरे प्रकरण को लेकर होने वाली सुनवाई से पहले किसी भी तरह की फजीहत से बचने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के दबाव में कानपुर पुलिस ने यह कदम उठाया है। इससे पहले जय वाजपेई को 2 सप्ताह तक पुलिस कस्टडी में रखने के बाद कानपुर पुलिस ने रविवार को छोड़ दिया था।
अब जय बाजपेई की गिरफ्तारी हुई है तो कानपुर पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। विकास दुबे का खजांची जय बाजपेयी साथी समेत गिरफ्तार किया गया है। उसे पुलिस ने बिकरू कांड में आपराधिक साज़िश की धाराओं में गिरफ्तार किया है। जय का साथी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्लू भी गिरफ्तार किया गया है। देर रात कानपुर की नजीराबाद पुलिस ने इन दोनों की गिरफ्तारी दिखाई है। हालांकि, पिछले 15 दिनों से जय बाजपेई पुलिस की कस्टडी में था। रविवार को उसे छोड़ दिया गया था। जिसके बाद मामला सुर्खियों में आ गया। एक बार फिर पुलिस दबाव में आई और जय बाजपेई को रविवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इस पर पुलिस की ओर से सफाई दी गई थी कि पूछताछ के दौरान जो तथ्य सामने आए थे, उनकी पुष्टि करवाने के लिए पुलिस ने बाजपेई को उसके घर लेकर गई थी।
जय बाजपेई ने 1 जुलाई को असला और रुपए विकास दुबे को उपलब्ध करवाए
अब कानपुर पुलिस का कहना है वारदात से एक दिन पहले एक जुलाई को विकास ने जय को किया था फोन। 2 जुलाई को घटना से पहले जय बाजपेई बिकरू में विकास दुबे से मिलने पहुंचा था। जय ने 2 लाख रुपये, 25 कारतूस और रिवॉल्वर विकास को दिए थे। पुलिस ने जय पर आर्म्स एक्ट का मामला भी दर्ज किया है। वारदात के बाद विकास और उसके गैंग को भगाने की प्लांनिग में भी जय बाजपेई शामिल रहा था। जय कानपुर में 4 जुलाई को 3 लग्जरी गाड़ियों समेत पकड़ा गया था।
विकास दुबे की काली कमाई का रखवाला था जय बाजपाई
जय बाजपेई को विकास दुबे की काली कमाई का रखवाला माना जाता था। जय बाजपेई और विकास दुबे के बीच कोई पर्दा नहीं था। इस बारे में बिकरू गांव के निवासी और पूरे कानपुर शहर के लोग बताते हैं। लोगों का कहना है कि जय बाजपेई ने पिछले चंद वर्षों में अपने मैनेजमेंट के दम पर विकास दुबे कपूरा कामकाज संभाल लिया था। तमाम पैसे के आवागमन की जिम्मेदारी और जानकारी जय बाजपेई के पास रहती थी। जय बाजपाई के फोटो यूपी एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस के कई ताकतवर अफसरों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। जिसके बाद यूपी एसटीएफ के डीआईजी और कानपुर में एसएसपी रह चुके अनंत देव तिवारी का भी शासन ने तबादला पीएसी में कर दिया था।
आज सुप्रीम कोर्ट में होगी पूरे घटनाक्रम की सुनवाई
कानपुर कांड को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिसे अदालत ने सुनवाई के लिए सोमवार को पेश करने का आदेश दिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में मजबूत पैरवी करने के लिए तैयारी की है। आज देश भर के लोगों की निगाहें इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर टिकी रहेंगी। हालांकि, कानपुर पुलिस ने इस पूरे मामले में इतनी खामियां पैदा कर दी हैं, जिन्हें लेकर सरकार के सामने चिंता बनी हुई है।
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