BIG BREAKING : नोएडा का एक और बड़ा बिल्डर दिवालिया, महज एक करोड़ रुपये नहीं चुका पाया, NCLT ने कम्पनी टेकओवर की

नोएडा | 2 साल पहले | Pankaj Parashar

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



Noida News : नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक के बाद एक बुरी खबरों का सिलसिला जारी है। शहर के नामचीन और बड़े-बड़े बिल्डर दिवालिया हो रहे हैं। दो दिन पहले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ आदेश जारी करते हुए दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया था। अब मंगलवार को एनसीएलटी ने शहर के एक और बड़े बिल्डर के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया का ऐलान कर दिया है। बड़ी बात यह कि बड़ा बिल्डर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को महज एक करोड़ रुपए की धनराशि चुकाने में नाकामयाब रहा है। बिल्डर के खिलाफ सर्विस प्रोवाइडर कंपनी एनसीएलटी चली गई।

लॉजिक्स बिल्डर के खिलाफ शुरू हुई दिवालिया प्रक्रिया
लॉजिक्स सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एनसीएलटी ने मंगलवार को दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है। कंपनी के खिलाफ कोलियर्स इंटरनेशनल इंडिया प्रॉपर्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था। यह कंपनी करीब 12 वर्षों से लॉजिक्स बिल्डर के लिए प्रॉपर्टी कंस्ट्रक्शन और मेंटेनेंस का काम कर रही है। कंपनी ने एनसीएलटी को बताया कि बिल्डर कंपनी पर 1,08,12,591 रुपए का बकाया है। जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। यह भुगतान लेने के लिए कंपनी ने बिल्डर को कई बार अप्रोच किया है।

बिल्डर ने प्रॉपर्टी एलॉट की लेकिन नहीं दी
कोलियर्स कंपनी ने एनसीएलटी को बताया कि बिल्डर पर जब भुगतान करने के लिए दबाव बनाया तो उसने अपनी एक हाउसिंग सोसायटी में प्रॉपर्टी एलॉट कर दी थी। उस प्रॉपर्टी पर अभी तक कब्जा नहीं दिया। बार-बार बकाया भुगतान लेने के लिए ई-मेल और कर्मचारी भेजकर बिल्डर कंपनी से संपर्क किया गया। जवाब में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। ऐसे में मजबूर होकर कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी आना पड़ा है। एनसीएलटी ने कोलियर्स इंडिया की याचिका को स्वीकार कर लिया है। इंसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल के तौर पर योगेश कुमार गुप्ता को नियुक्त किया गया है।

कोलियस इंडिया सोसाइटी में मेंटेनेंस करती रहेगी
एनसीएलटी ने याची कोलियर्स इंडिया को आदेश दिया है कि वह बिल्डर की जिस हाउसिंग सोसायटी में रखरखाव का काम कर रही है, वह दिवालिया प्रक्रिया पूरी होने तक जारी रखेगी। रखरखाव और जरूरी व्यवस्थाओं को निलंबित नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ ट्रिब्यूनल ने कंपनी रजिस्ट्रार को आदेश भेजकर कर्जदार कंपनी से संबंधित जरूरी घोषणाएं करने को कहा है। कर्जदार कंपनी के प्रबंधन बोर्ड को भंग कर दिया गया है। इसके खिलाफ सभी न्यायालय, ट्रिब्यूनल, रेरा और अन्य निकायों में चल रहे मुकदमों को रोक दिया गया है। अब कंपनी की संपत्ति से जुड़ा कोई लेन-देन, अंतरण या भुगतान नहीं किया जाएगा।

शहर में दिवालिया बिल्डरों की लंबी फेहरिस्त
नोएडा में दिवालिया हो रहे बिल्डरों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। यह शुरुआत करीब 2 साल पहले आम्रपाली समूह से हुई थी। उसके बाद जेपी समूह के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू हुई। पिछले 2 वर्षों के दौरान नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब एक दर्जन छोटे-छोटे बिल्डर दिवालिया घोषित किए जा चुके हैं। अब दो दिन पहले सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ एनसीएलटी ने दिवालिया प्रक्रिया का ऐलान किया। मंगलवार को लॉजिक्स बिल्डर के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया यह नई घोषणा है। कुल मिलाकर नोएडा का रियल एस्टेट सेक्टर संकट में घिरा है। जिसकी वजह से प्रॉपर्टी बाजार का हाल खराब है।

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