गौतमबुद्ध नगर में डूब क्षेत्र की कॉलोनियों के लिए बड़ी खबर : निकाय चुनाव के बाद बिजली आपूर्ति से जुड़ी समस्या खत्म करेगी सरकार

नोएडा | 2 साल पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | सोमेंद्र तोमर



Noida News : नोएडा शहर में हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में रहने वाले लाखों लोगों के लिए बड़ी खबर है। इन आवासीय इलाकों में बिजली की आपूर्ति को नियमित किया जाएगा। गुरुवार को यह जानकारी उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने दी है। सोमेंद्र तोमर नोएडा आए। इस दौरान नोएडा मीडिया क्लब (Noida Media Club) में पत्रकारों से तमाम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। पत्रकारों के अलावा शहर के सामाजिक संगठनों से भी सोमेंद्र तोमर ने बातचीत की है। उन्होंने बताया कि अब ट्रैफिक पुलिस की तरह उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों को भी बॉडी वॉर्न कैमरे उपलब्ध करवाए जाएंगे। बिजली चोरी और दूसरे प्रवर्तन कार्यों के दौरान कर्मचारी इन कैमरों का उपयोग करेंगे।

- नोएडा शहर में हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध बिजली आपूर्ति होती है। कोई एक व्यक्ति बिजली का बड़ा कनेक्शन निगम से ले लेता है और फिर कच्ची कॉलोनियों में मनमाना पैसा वसूल करके आपूर्ति करता है। पिछले 5 वर्षों से इन कच्ची कॉलोनियों के लोग समाधान की मांग कर रहे हैं।

सोमेंद्र तोमर : यह मसला हमारे ही नहीं मुख्यमंत्री तक के संज्ञान में है। मैं कोई तय समय नहीं बता सकता लेकिन उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के बाद इस समस्या का समाधान करेंगे। कच्ची कॉलोनियों में विद्युत आपूर्ति को नियमित और नियमित किया जाएगा।

- नोएडा शहर का लाइन लॉस पूरे प्रदेश में सबसे कम है। बरसात में पॉवर कट होते हैं। कई बार तो 12 घण्टे बिजली बहाली में लगते हैं। नोएडा का रेवेन्यू कलेक्शन सबसे अच्छा है। इस समस्या का समाधान जरूर करें। नोएडा में ओवरहेड लाइंस को अंडरग्राउंड करें।

सोमेंद्र तोमर : यह प्रयोग आजमगढ़ में हुआ था। सपा सरकार ने किया था। एडवांस टेक्नोलॉजी नहीं होने कारण वह पूरा सिस्टम खत्म हो गया। फिर लाइन बाहर आ गईं। अब अयोध्या में हम कर रहे हैं। दरअसल, रास्तों में अंडर ग्राउंड लाइनों की मरम्मत के लिए स्पेश होना चाहिए। हम लोगों की प्राथमिकता पूरे प्रदेश में 24 घण्टे आपूर्ति है। किसानों की दशा खराब थी। आठ घण्टे रोस्टिंग में बिजली मिलती थी। ट्रिपिंग और लो वोल्टेज सबसे बड़ी परेशानी थी। इस हालत को सुधारा है। बीते जुलाई महीने में उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक रिकॉर्ड तोड़ बिजली आपूर्ति की है। हम तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं। लाइन टूटने से रोकने के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं। ओवरहेड लाइनों को अंडरग्राउंड करने का काम तभी संभव हो सकेगा, जब हमारे पास उचित भौगोलिक परिस्थितियां और अत्याधुनिक तकनीक होगी।

- नोएडा शहर में हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध बिजली आपूर्ति होती है। कोई एक व्यक्ति बिजली का बड़ा कनेक्शन निगम से ले लेता है और फिर कच्ची कॉलोनियों में मनमाना पैसा वसूल करके आपूर्ति करता है। पिछले 5 वर्षों से इन कच्ची कॉलोनियों के लोग समाधान की मांग कर रहे हैं।

सोमेंद्र तोमर : यह मसला हमारे ही नहीं मुख्यमंत्री तक के संज्ञान में है। मैं कोई तय समय नहीं बता सकता लेकिन उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के बाद इस समस्या का समाधान करेंगे। कच्ची कॉलोनियों में विद्युत आपूर्ति को नियमित और नियमित किया जाएगा।

- बिजली चोरी रोकने के नाम पर निगम के कर्मचारी और अफसर अवैध वसूली करते हैं। विजिलेंस वाले भी गड़बड़ करते हैं। इस पर नियंत्रण होना चाहिए।
सोमेंद्र तोमर : मैं मानता हूं कि यह परेशानी है। हमारी सरकार करप्शन खत्म करने पर जोर लगा रही है। थोड़ा समय जरूर लगेगा। अगर साक्ष्य मिलते हैं तो कार्रवाई करते हैं। हम चोरी रोकने और दूसरे प्रवर्तन कार्यों में तकनीक व कैमरे ला रहा हैं। लेकिन करप्शन रोकने के लिए जनसहयोग भी जरूरी है। रिश्वत ना दें, हमें शिकायत दें। हम कार्रवाई करेंगे।

- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद हाइराइज सोसायटियों के शहर हैं। जिनमें लाखों परिवार रहते हैं। मल्टी पॉइंट कनेक्शन योजना पर निगम संजीदगी से काम नहीं कर रहा है। इस पर ध्यान देना चाहिए।
- आम उपभोक्ता से लूट रोकने के लिए यह योजना सरकार ने शुरू की है। सबको मालूम है कि बिल्डर निगम से सस्ती बिजली लेकर हाउसिंग सोसाइटीज में रहने वालों को महंगी दरों पर बेचते हैं। अगर सोसायटी में रहने वाले 51% निवासी मल्टीपाइंट कनेक्शन नहीं मांगते हैं तो निगम के सामने समस्या आ जाती है। ऐसे में यह जरूरी है कि लोग इस समस्या को समझें और एक होकर मल्टीपाइंट कनेक्शन लेने की ओर बढ़ें। निगम ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में हाउसिंग सोसाइटीज में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया है। पिछले 2 वर्षों के दौरान इन दोनों शहरों में 100 से ज्यादा हाउसिंग सोसायटी मल्टीपाइंट कनेक्शन पर आ चुकी हैं। पब्लिक को भी अपना भला-बुरा समझना होगा।

- मेन पॉवर कम है। उपभोक्ता परेशान होता है। इससे निगम से भरोसा उठता है।
सोमेंद्र तोमर : ऐसा नहीं है। इस तरह की कोई शिकायत नहीं है। हमने नियमित और अनियमित कर्मचारी भर्ती किए हैं, लेकिन मैनपॉवर को कम नहीं होने दिया है। कंज्यूमर की कॉल और परेशानियों का समय पर निदान हो रहा है।

- नोएडा शहर 'नो पॉवर कट जोन' 15 साल से है, लेकिन आज तक यह सम्भव नहीं हो पाया है। यह कब हो पाएगा?
सोमेंद्र तोमर : प्राकृतिक आपदा और फॉल्ट परेशानी हैं। नोएडा पर हमारा पूरा ध्यान है। ऐसा नहीं है कि नोएडा में लाइनलॉस नहीं है और रेवेन्यू शत-प्रतिशत मिलता है तो इस शहर को लेकर चिंता ना की जाए। हम हर जिले और शहरों में व्हाट्सएप ग्रुप बना रहे हैं। नोएडा में भी ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जा रहे हैं। इन ग्रुप्स में स्थानीय निवासी, समाजसेवी, बिजली निगम के अधिकारी-कर्मचारी और आम उपभोक्ताओं को शामिल किया जा रहा है। इसमें हम खुद भी रहेंगे। बिजली निगम के शीर्ष अफसरों को भी ऐसे ग्रुप में शामिल किया जाएगा। किसी भी शिकायत पर रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी।

- राज्य की आबादी और मांग बढ़ रही है। सोलर पर कितना कन्वर्ट कर रहे हैं।
सोमेंद्र तोमर : इस देश में साल 2014 से पहले सोलर एनर्जी पर कोई बात नहीं करता था। ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत किसी के एजेंडे में नहीं थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के सामने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के भरपूर उपयोग की पैरवी की है। मैं पूरे भरोसे के साथ बताना चाहता हूं कि आप हम केवल सोलर ही नहीं और विंड एनर्जी पर ध्यान दे रहे हैं। इसे लेकर जल्दी ही उत्तर प्रदेश में एक नई पॉलिसी लागू होने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष हम लोग प्रस्तुतिकरण कर चुके हैं।

- उत्तर प्रदेश में कोई नया पॉवर जेनरेशन प्लांट लगाया जा रहा है?
- हमारे पास पुराने संयंत्र हैं। पहले जरूरी है कि उनकी पूरी क्षमता का उपयोग कर पाएं। यूपी के कई पावर जेनरेशन प्लांट ऐसे हैं, जो अपनी स्थापना से लेकर आज तक पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन नहीं कर पाए हैं। हमारी प्राथमिकता अपने पुराने संयंत्रों को तकनीकी रूप से उच्चीकृत करके उनका भरपूर लाभ लेना है। अगर हम मौजूदा संयंत्रों का कुशल संचालन करने में सफल हो जाएं तो नए संयंत्र लगाने की आवश्यकता नहीं है। इसी दिशा में काम कर रहे हैं। आपको याद होगा पहले पीएसी कनेक्शन नहीं काट पाती थी। आज लाइनमैन काटकर आ जाते हैं।

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