Noida Desk : भारतीय रियल एस्टेट बाजार में अगले कुछ महीनों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। खासकर आवासीय क्षेत्र में यह सुधार देखने को मिलेगा। जेएलएल (Jones Lang Lasalle) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती से आने वाले 12 महीनों में घर खरीदने की क्षमता में वृद्धि हो सकती है। यह कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था में उधारी की लागत को कम करने का काम करेगी, जिससे घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभ होगा।
ब्याज दरों में कटौती से घर खरीदने की क्षमता में वृद्धि
2022 से स्थिर ब्याज दरों और बढ़ती संपत्ति की कीमतों के कारण घर खरीदने की वहन क्षमता पर दबाव बना था। लेकिन अब आरबीआई द्वारा कुल 50 आधार अंकों (बीपीएस) की दर कटौती का निर्णय इस चुनौती को कम करने में मदद करेगा। इससे घर खरीदने वालों को राहत मिलेगी और वे अपनी खरीदारी की क्षमता में सुधार महसूस करेंगे। यह कटौती भारतीय रियल एस्टेट के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे घर खरीदने की लागत में कमी आने की संभावना है, जो घर खरीदारों को आकर्षित करेगा।
बड़े और छोटे सभी शहरों में दिखेगा असर
जेएलएल की होम परचेज अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स (एचपीएआई) के अनुसार, यदि ब्याज दरों में कटौती होती है तो 2025 तक दिल्ली एनसीआर और बेंगलुरु को छोड़कर अन्य अधिकांश प्रमुख शहरों में घर खरीदने की क्षमता में सुधार होगा। हालांकि, कोलकाता जैसे शहर में यह सुधार विशेष रूप से उल्लेखनीय हो सकता है, जो पहले से ही एक किफायती बाजार के रूप में पहचाना जाता है। मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों में भी यह सुधार देखा जा सकता है, लेकिन यहां वहन क्षमता पहले ही उच्चतम स्तरों पर पहुंचने की उम्मीद है।
रियल एस्टेट बाजार में तेजी की संभावना
रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि भारतीय आवासीय बाजार वर्तमान में एक निरंतर तेजी का अनुभव कर रहा है, जो मुख्य रूप से गृहस्वामित्व की गतिशीलता के विकास से प्रेरित है। इसका परिणाम यह हुआ है कि बिक्री में लगातार वृद्धि हो रही है और नई परियोजनाओं की लॉन्चिंग की गति में भी तेजी आई है। जेएलएल के मुताबिक, 2024 में आवासीय बिक्री 305,000-310,000 इकाइयों तक पहुंचने की उम्मीद है, और 2025 में यह संख्या और बढ़ सकती है, संभवत: 340,000-350,000 इकाइयों तक पहुंच सकती है। घर खरीदी के लिए अनुकूल वातावरण
जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान प्रमुख, डॉ. सामंतक दास ने कहा कि आवश्यक ब्याज दर में कमी, मध्यम मूल्य वृद्धि और निरंतर आय वृद्धि के साथ मिलकर अगले 12-18 महीनों में घर खरीदने के लिए एक अनुकूल माहौल बन सकता है। जिससे 2022 के बाद वहन क्षमता का स्तर अपने सर्वोत्तम स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। इससे घर खरीदने वालों के व्यवहार में उछाल आएगा और बाजार में स्थिरता बनी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह परिवर्तन भारतीय रियल एस्टेट के लिए एक सकारात्मक कदम होगा, क्योंकि यह मध्यम और दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देगा, जिससे बाजार में सतत गतिविधि और मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद है।
बाजार में कीमतों और आय वृद्धि का प्रभाव
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में कीमतों और आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, 2011 को आधार वर्ष मानते हुए, हैदराबाद में मूल्य वृद्धि 132 प्रतिशत रही है, इसके बाद बेंगलुरु (116 प्रतिशत) और दिल्ली एनसीआर (98 प्रतिशत) रहा। आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जहां मुंबई में सबसे अधिक 189 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि पुणे और हैदराबाद में क्रमशः 173 प्रतिशत और 163 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसलिए, अब ब्याज दरों में कटौती और मध्यम मूल्य वृद्धि के कारण घर खरीदने की क्षमता में सुधार की उम्मीद है। इससे उन क्षेत्रों में खासतौर पर मदद मिलेगी जहां घर खरीदी की चुनौती पहले अधिक थी।
रियल एस्टेट क्षेत्र में सकारात्मक दृष्टिकोण
जेएलएल के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक (चेन्नई और कोयंबटूर) और आवासीय सेवाओं के प्रमुख (भारत), शिव कृष्णन ने कहा कि आय में अच्छी वृद्धि, ब्याज दरों में संभावित कटौती और कीमतों में नरमी के संयोजन से अगले 12 महीनों में सामर्थ्य स्तर में सुधार होने की उम्मीद है। जो भारतीय आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में सतत बाजार गतिविधि और मजबूत प्रदर्शन का मार्ग प्रशस्त करेगा। RBI द्वारा ब्याज दरों में कटौती से भारतीय रियल एस्टेट बाजार में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है। घर खरीदने की क्षमता में सुधार होगा, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रहेगी।