Noida News : उत्तर प्रदेश सरकार ने 14 जिलों के 54 बस स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त करने की महत्त्वाकांक्षी योजना तैयार कर ली है। ये बस स्टेशन अब एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस होंगे। जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके। परियोजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत पूरा किया जाएगा। सरकार जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश करेगी।
मुख्य सचिव के सामने हुई प्रेजेंटेशन
हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के सामने परियोजना से जुड़ा एक प्रेजेंटेशन दिया गया। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाना है, बल्कि इन बस स्टेशनों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना भी है। सरकार ने इसे प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
मिलेंगी ये सुविधाएं
योजना के तहत इन बस स्टेशनों में यात्रियों के लिए गेस्ट हाउस, डॉरमेट्री, पार्किंग, रेस्टोरेंट, फूडकोर्ट, शौचालय और कॉमर्शियल ऑफिस जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यहां पर 18 मीटर चौड़े एप्रोच रोड की व्यवस्था होगी। बस टर्मिनल के लिए 40 प्रतिशत बिल्ट-अप एरिया आरक्षित रहेगा। 60 प्रतिशत क्षेत्र बसों के खड़े होने, गैराज और पार्किंग जैसी सुविधाओं के लिए होगा। बस स्टेशनों की गतिविधियों के लिए कुल 55 प्रतिशत एरिया रिजर्व रखा जाएगा।
दो साल में होगा प्रोजेक्ट पूरा
सरकार ने इस परियोजना को दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, कमर्शियल एसेट और कॉम्प्लेक्स निर्माण के लिए सात साल का समय निर्धारित किया गया है। परियोजना के पूरा होने के बाद यात्रियों को यात्रा के दौरान एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
हर साल 5.8 करोड़ यात्रियों को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश में रोडवेज की 12,500 बसें हर साल लगभग 5.8 करोड़ यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाती हैं। इन यात्रियों को अब अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जो उनकी यात्रा को अधिक आरामदायक बनाएगा। इस परियोजना में गौतमबुद्ध नगर (नोएडा), बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, झांसी, मुरादाबाद, गोंडा, देवरिया, फैजाबाद, काशी, अमेठी, उन्नाव, हरदोई, जौनपुर और बस्ती आदि जिले शामिल हैं।