Noida News : नोएडा के सेक्टर 107 स्थित लोटस 300 में फ्लैट बायर्स को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट के निर्देश के बाद फ्लैट के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। पहले चरण में 100 से अधिक फ्लैट बायर्स में से 16 ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। इसमें नोएडा अथॉरिटी को डेवलपर से लंबित बकाया के बावजूद फ्लैट पंजीकरण के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया गया था। इस निर्णय ने फ्लैट बायर्स के 10 साल से अधिक समय से चल रहे संघर्ष को खत्म कर दिया है।
हैदराबाद से नोएडा पहुंचे आईआरपी
प्रोजेक्ट के अंतरिम समाधान पेशेवर आईआरपी अय्यागरी विश्वानंद सरमा ने 16 फ्लैटों के लिए मूल आवंटन पत्र, बिल्डर-खरीदार समझौते और कब्जे के प्रमाण पत्र सहित सभी आवश्यक दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए हैदराबाद से नोएडा पहुंचे थे। उम्मीद की जा रही है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करने के और इसे आगे भी जारी रखने के लिए अगले सप्ताह फिर से नोएडा आएंगे। सोसायटी के दो टावरों में सभी 102 फ्लैटों के पंजीकरण को पूरा किया जाना है। कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया के तहत बिल्डर की ओर से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए अय्यागरी विश्वानंद सरमा को अधिकृत किया गया है।
दो टावर का नहीं हो सका था निर्माण
मार्च 2010 में नोएडा प्राधिकरण ने लोटस 300 के डेवलपमेंट के लिए पेबल्स इन्फो सॉफ्टेक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम के हिस्से, हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) को सेक्टर 107 में 17 एकड़ जमीन आवंटित की। डेवलपर्स ने छह टावरों में 330 फ्लैटों के लिए घर खरीदारों से लगभग 636 करोड़ रुपये एकत्र किए। बायर्स से वादा किया गया कि उन्हें 39 महीने में फ्लैट मिल जाएंगे। बाद में इस अवधि को बढ़ाकर जुलाई 2017 कर दिया गया। एचपीपीएल ने चार टावरों को पूरा किया और बायर्स को आंशिक कब्जा दिया। डेवलपर बचे हुए टावरों को पूरा करने के साथ मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करा सका।
बायर्स ने दर्ज कराया था ईओडब्ल्यू में मामला
साल 2018 में बायर्स ने धोखाधड़ी, विश्वासघात और साजिश के लिए एचपीपीएल के निदेशकों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज कराया था। लोटस 300 के लिए दिवालियापन की प्रक्रिया नवंबर 2022 में शुरू हुई। एओए अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में आए कोर्ट के फैसले के बाद रजिस्ट्रेशन शुरू हो पाया है। इसके लिए 11 साल से संघर्ष किया जा रहा था। कोर्ट का फैसला बायर्स की बड़ी जीत है। वरिष्ठ प्रबंध बनाए गए नोडल अधिकारी
शेष चार टावरों में फ्लैटों के पंजीकरण की सुविधा के लिए भी प्रयास चल रहे हैं। नोएडा अथॉरिटी के वरिष्ठ प्रबंधक वैभव गुप्ता को इन टावरों के लिए अधिभोग प्रमाण पत्र (OC) और पूर्णता प्रमाण पत्र (CC) की तैयारी की देखरेख के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, इस प्रक्रिया में 15 से 20 दिन का समय लग सकता है। पंजीकरण प्रक्रिया लोटस 300 के घर खरीदने वालों के लिए लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके सही स्वामित्व की उम्मीद को फिर से जगाती है।