लखनऊ विधानसभा घेराव : नोएडा में कांग्रेस नेताओं को घरों में नजरबंद किया गया, सरकार पर उठाए सवाल

नोएडा | 1 दिन पहले | Pankaj Parashar

tricity today | लखनऊ विधानसभा घेराव



Noida News : कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार को लखनऊ में विधानसभा घेराव का आयोजन किया गया। लेकिन इससे पहले ही यूपी पुलिस ने नोएडा में कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया।

पुलिस ने जबरन घर में रोक दिया
गौतमबुद्ध नगर जिले में कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष रामकुमार तंवर ने बताया कि जब वह अपने साथियों के साथ विधानसभा घेराव में शामिल होने के लिए निकल रहे थे, तभी भारी पुलिस बल ने उनके घर को चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस ने उन्हें जबरन घर में रोक दिया और गाड़ी तक जाने की कोशिश करने पर धक्का-मुक्की की। उन्होंने इसे “लोकतंत्र की हत्या” और “तानाशाही शासन” करार दिया।

रामकुमार तंवर ने कहा, “यह भाजपा सरकार का संविधान को खत्म करने का प्रयास है। प्रदेश में तानाशाही का माहौल है, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूरी तरह से दबा दी गई है। हम अपने देश और प्रदेश में कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इस पर भी अब रोक लगा दी गई है।”

प्रदेश में बढ़ती समस्याओं पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश की बिगड़ती स्थिति को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। तंवर ने कहा कि महंगाई अपने चरम पर है और आम जनता त्रस्त है। बेरोजगारी ने युवाओं के सपनों को कुचल दिया है। किसान अपनी समस्याओं को लेकर लगातार आंदोलित हैं। स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं, और कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास तेज हो रहे हैं। बिजली का निजीकरण उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने की तैयारी है, जिसमें गुजरात की कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।

विपक्ष की भूमिका पर रोक लगाने का आरोप
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के नेतृत्व में आयोजित विधानसभा घेराव को विपक्षी आवाज दबाने का प्रयास बताया जा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लोकतंत्र को कमजोर करने और विपक्ष की भूमिका को खत्म करने का प्रयास कर रही है।

नजरबंद किए गए नेताओं की सूची
लखनऊ जाने वाले नेताओं में मुख्य रूप से रामकुमार तंवर, अवनीश तंवर, अतुल यादव, संजय सिंह, और उधम सिंह नागर शामिल थे, जिन्हें पुलिस ने घरों में नजरबंद कर दिया।



लोकतंत्र पर खतरे की चेतावनी
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार के इस रवैये से स्पष्ट है कि प्रदेश में लोकतंत्र खतरे में है। “सरकार जन समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही है,” रामकुमार तंवर ने कहा। इस घटनाक्रम ने राज्य में लोकतंत्र की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने इसे लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है और कहा है कि भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

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