महर्षि के नाम पर माफियागिरी : नोएडा अथॉरिटी का एक्शन या लीपापोती, अफसर और भू-माफिया ने बेच डाली अरबों की जमीन?

नोएडा | 16 दिन पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | महर्षि के नाम पर माफियागिरी



Noida News : नोएडा शहर लाखों लोगों के लिए सपनों की नगरी है। उत्तर प्रदेश की 'शो विंडो' कहे जाने वाले इस शहर में एक अदद आशियाना बनाने के लिए आम आदमी पापड़ बेलता है। हर किसी की इच्छा इस सुविधा संपन्न शहर में अपने बच्चों के सिर पर एक छोटी सी छत हासिल करने की है। सैकड़ों-हज़ारों मील दूर से आए प्रवासियों की, इसी हसरत का नाजायज फ़ायदा इस शहर में भूमाफ़िया, रसूखदार और राजनितिक रूप से ताकतवर लोग उठा रहे हैं। इन लोगों ने योग, धर्म, दर्शन और शिक्षा केंद्रों को भी अपनी काली कमाई का अड्डा बना रखा है। हालांकि नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority)ने महर्षि ट्रस्ट (Maharishi Trust) की जमीन पर कार्यवाही की है। यहां पर अथॉरिटी ने अवैध अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त कर वाहवाही लूटी। अवैध इमारतों को भी सील करने का आदेश दिया गया है। लेकिन दूसरी तरफ खास बात यह है कि शहर के बीचों-बीच अवैध कॉलोनाइजेशन हो चुका है। आने वाले दिनों में देखने वाली बात होगी कि यह कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी या प्राधिकरण सीलिंग करके नोटिस-नोटिस खेलता रहेगा।

महर्षि महेश योगी के नाम पर माफियागिरी
महर्षि योगी आश्रम और आसपास के इलाक़े में ख़ाली पड़ी ज़मीनों पर अवैध रूप से क़ब्ज़ा किया जा रहा है। ऊंची टिन शेड लगाकर उनकी आड़ में प्लॉटिंग चल रही है। रातोंरात बड़े-बड़े शोरूम, दुकानें और कई-कई मंजिलें घर बनाकर खड़े किए जा रहे हैं। इस धंधे को बढ़ावा सत्ता दल के एक नेता दे रहे हैं। कुल मिलकर सनातन संस्कृति, योग, दर्शन और वेदांत को पूरी दुनिया में ले जाने वाले महर्षि महेश योगी के नाम पर माफियागिरी चल रही है। आपका पसंदीदा न्यूज पोर्टल 'ट्राईसिटी टुडे' ने पहले ही नेक्सस का ख़ुलासा कर चुका है, जो महर्षि महेश योगी की धार्मिक संपत्तियों को खुलेआम बाज़ार में बेच रहा है। इतना ही नहीं, इस गैंग ने नोएडा शहर को भारी नुक़सान पहुंचाया है। सरकारी ख़ज़ाने को दोनों हाथों से लूटा है।

हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर का किया जा रहा दुरुपयोग
महर्षि योगी आश्रम की ज़मीन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई साल पहले एक स्थगन आदेश जारी किया था। इस स्थगन आदेश का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। प्राधिकरण ज़मीन पर स्टे ऑर्डर बताकर डेमोलिशन नहीं करने का बहाना बनाता है। दूसरी ओर, स्थगन आदेश होने के बावजूद इस ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख्त धड़ल्ले से की जा रही है। दिन-रात बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहा है। सवाल यह उठता है कि जब ज़मीन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश पारित कर रखा है तो ख़रीद-फ़रोख़्त और निर्माण कैसे किया जा सकता है? नोएडा अथॉरिटी इस अवैध निर्माण के ख़िलाफ़ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर क्यों नहीं कर रही है?  जानकारों का कहना है कि महर्षि आश्रम की ज़मीन को हड़पने वालों के साथ प्राधिकरण में तैनात रहे अफसर भी शामिल हैं। कई अफसर तो करोड़ों रुपये के वारे न्यारे करके शहर से रुखसत हो चुके हैं। कई अफ़सर अभी भी प्राधिकरण में बैठकर पौ-बारह कर रहे हैं।

धर्म की आड़ में धंधा, पूरी रात चलता है यह अवैध निर्माण
महर्षि आश्रम की जमीन पर अवैध रूप से छोटे-छोटे आवासीय भूखंड बेचे जा रहे हैं। बड़ी संख्या में भूखंडों पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बना दिए गए हैं। महर्षि आश्रम की जमीन पर रातोंरात अवैध निर्माण हो रहा है। रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक बड़े-बड़े डंपर मिट्टी लेकर आते हैं। आश्रम झील थी, जिसे मिट्टी से पूरी तरह पाट दिया गया है। यज्ञशाला और गऊशाला की जमीन पर प्लॉटिंग हो चुकी है। मौके पर कई इमारतें खड़ी हुई हैं। आपको बता दें कि वर्ष 2011 में नोएडा प्राधिकरण ने इस जमीन का अधिग्रहण करने का प्रयास किया था। तब भूमाफिया गैंग ने महर्षि आश्रम को धार्मिक स्थल बताकर विरोध किया था। आसपास से किराये की भीड़ इकट्ठा करके धरना-प्रदर्शन किया गया था। प्राधिकरण और तत्कालीन सरकार पर आरोप लगाया गया था कि गऊशाला, यज्ञशाला और धार्मिक गतिविधियों के लिए उपयोग हो रही ज़मीन को ग़लत ढंग से अधिग्रहित किया जा रहा है। इससे लोगों की धार्मिक आस्था पर चोट पहुंच रही है। लिहाज़ा, मजबूर होकर प्राधिकरण और सरकार को अपने पांव पीछे खींचने पड़े थे। अब उसी ज़मीन पर खुलेआम अवैध प्लॉटिंग चल रही है। जिससे साफ हो जाता है कि धर्म की आड़ में गंदा धंधा चल रहा है।

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