बड़ी खबर : किसानों की आवाज राज्य सभा में उठाएंगे संजय सिंह, नोएडा प्राधिकरण पर लगाए गंभीर आरोप

नोएडा | 2 साल पहले |

Google Image | राज्यसभा सांसद संजय सिंह



Noida News : नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के खिलाफ करीब 4 महीने से जारी 81 गांव के किसानों के आंदोलन को धीरे-धीरे राजनीतिक समर्थन हासिल होने लगा है। सोमवार को ही यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आंदोलन की अगुवाई कर रहे सुखबीर सिंह खलीफा को फोन कॉल के जरिए समर्थन देने की बात कही। 

अब आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने किसानों की मांगों को सदन में उठाने की पहल की है। इसके लिए उन्होंने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को खत लिखा है। अपने पत्र में सांसद संजय सिंह ने लिखा है, "नोएडा के किसानों के साथ हुए धोखाधड़ी के मामले को मैं सदन के समक्ष लाना चाहता हूं। भूमि अधिग्रहण के नाम पर प्राधिकरण उन्हें उनके घर से बेघर करने पर तुला हुआ है। निरक्षर और अनभिज्ञ किसानों को नोएडा प्राधिकरण ने बार-बार छला है। 

उन्होंने आगे लिखा है, "अथॉरिटी ने नोएडा के विकास के नाम पर किसानों से जमीन ली थी। अब उस जमीन को बिल्डरों को बेच रही है। किसानों के आवास की जमीन को भी प्राधिकरण ने अधिग्रहित कर लिया है। जबकि अथॉरिटी ने अब तक ज्यादातर किसानों को मुआवजा नहीं दिया है। न ही पूर्व निर्धारित शर्तों के मुताबिक प्लॉट दिए गए हैं। किसानों के घर उजाड़ कर लाखों मीटर जमीन बिल्डरों को बेची जा रही है। किसानों से जुड़े इस गंभीर विषय पर मुझे शून्य काल में बोलने की अनुमति प्रदान करें।"

दरअसल नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ 81 गांवों के हजारों किसान पिछले 4 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान कई बार टकराव की स्थिति भी बनी। कई दफे हजारों किसानों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने मामला दर्ज किया। कई किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में दबाव के बाद उन्हें रिहा करना पड़ा था। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, उनका आंदोलन चलता रहेगा। आंदोलन की अगुवाई कर रहे सुखबीर सिंह खलीफा समेत कई अन्य किसान नेता अनशन पर बैठे हुए हैं। 

उत्तर प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना है। ऐसे में गौतमबुद्ध नगर के किसानों को अपने पाले में करने के लिए सभी पार्टियां इसे बड़ा मौका मान रही हैं। फिलहाल जनपद की 3 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। लेकिन अगर विपक्षी दलों के दांव कामयाब होते हैं और किसानों को साधने में सफल रहती हैं तो इस आंदोलन का असर चुनाव में भी दिखाई देगा। इसी वजह से सभी पार्टियां किसानों को समर्थन देने में लगी हुई हैं।

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