बड़ी खबर : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 30 अप्रैल तक पूरा होना मुश्किल, कंपनी पर लगेगा इतने करोड़ का जुर्माना

नोएडा | 3 साल पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर मरम्मत कार्य



Noida : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida-Greater Noida expressway) पर चल रहा मरम्मत कार्य एक बार फिर बंधित हो गया है। शुक्रवार को पूरे दिन एक्सप्रेस-वे पर कोई भी काम नहीं हुआ। प्रोजेक्ट से जुड़े प्राधिकरण के इंजीनियर के मुताबिक, कंपनी ने शनिवार को फिर से काम शुरू करवाने का दावा किया है। अब यह लगभग तय हो गया है कि 30 अप्रैल तक एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो पाना मुश्किल है। दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण ने निर्माण कर रही कंपनी के 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा सकती है। शुक्रवार को प्राधिकरण की बैठक में सीओ ऋतु महेश्वरी ने काम में हो रही देरी पर नाराजगी भी जताई है।

इस एक्सप्रेस-वे का कार्य प्राधिकरण ने जनवरी 2021 में शुरू करवाया था। इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन पहले पूरे होने की 2021 जून में थी लेकिन इस को बढ़ाकर 30 अप्रैल 2022 कर दी गई। उसके बावजूद इस डेडलाइन पर भी काम पूरा होने की उम्मीद कम जताई जा रही है। प्राधिकरण पहले भी इस कंपनी पर 19 लाख का जुर्माना लगा चुकी है। जानकारी के मुताबिक, 30 अप्रैल तक इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा नहीं हुआ तो प्राधिकरण कंपनी पर सख्त एक्शन ले सकती है।

रोजाना डेढ़ लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही
आपको बता दें कि नोएडा एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन डेढ़ लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही होती है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे करीब 24 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 20 किलोमीटर का हिस्सा नोएडा क्षेत्र में आता है। कुछ सालों से एक्सप्रेसवे की सड़क खराब होने लगी थी। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण ने एक्सप्रेस वे की री-सरफेसिंग कराने का निर्णय लिया था। नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर री-सरफेसिंग यानी की मरम्मत का कार्य इंफ्रा कंस्ट्रक्शन एजेंसी को सौंपा है। जो अभी तक पूरा नहीं कर पाया है। 

एक्सप्रेसवे के अंडरपास जल्दी पूरे किए जाएं
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर महामाया फ्लाईओवर से 10.3 और 19.4 किलोमीटर की दूरी पर बन रहे अंडरपास का निर्माण लटका हुआ है। इनकी लागत बढ़ गई है। जिसे मंजूरी दे दी गई है। सीईओ ने सख्त तौर पर कहा कि अब काम बंद नहीं होना चाहिए और अब तय समय पर निर्माण पूरा होना चाहिए। अगर लागत बढ़ी या काम बंद हुआ तो विभागीय अधिकारी और ठेकेदार जिम्मेदार होंगे। उन पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा एक्सप्रेसवे की चल रही री-सरफेसिंग के मामले में संविदाकार को प्राधिकरण में तलब करने का आदेश दिया है। सीईओ ने कहा कि अगर 30 अप्रैल तक री-सरफेसिंग का काम पूरा नहीं हुआ तो कंपनी पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

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