Noida News : आस्था और श्रद्धा का महापर्व छठ आज अपने तीसरे दिन पर है। जहां श्रद्धालु डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य देंगे। कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाए जाने वाले इस पावन पर्व में व्रती 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखते हैं। बिहार में अत्यंत श्रद्धा से मनाया जाने वाला यह पर्व संतान की सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक है। व्रती माताएं अपने बच्चों के कल्याण के लिए यह कठिन व्रत रखती हैं।
8 नवंबर तक चलेगा ये महापर्व
इस वर्ष छठ पूजा महोत्सव 5 नवंबर से प्रारंभ होकर 8 नवंबर तक चलेगा। चार दिवसीय इस महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जिसके बाद खरना, सायं अर्घ्य और प्रातः अर्घ्य के साथ पूजा संपन्न होती है। द्रिक पंचांग के अनुसार आज 7 नवंबर को सूर्यास्त का समय सायं 5:48 बजे निर्धारित है। जब व्रती कमर तक जल में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करेंगे। वहीं कल 8 नवंबर को प्रातः 6:38 बजे तक उषा अर्घ्य का समय रहेगा, जिसके पश्चात व्रत का पारण किया जाएगा।
यह है पूजा सामग्री
पूजन सामग्री में बांस की विशेष टोकरी में ठेकुआ, मखाना, फल, और पंचमेवा सहित विभिन्न प्रसाद रखे जाते हैं। सूर्य देव को अर्पित की जाने वाली सामग्री में पांच प्रकार के फल - शरीफा, नारियल, केला, नाशपाती और डाभ अनिवार्य माने जाते हैं।