प्रयागराज: एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से बिगड़े हालात, इमरजेंसी सेवाएं बंद

Tricity Today | हड़ताल करते एंबुलेंस कर्मी



प्रयागराज में सरकारी एंबुलेंस कर्मियों ने सोमवार को संगम क्षेत्र के परेड मैदान में 102 और 108 नंबर की सभी एंबुलेंस सेवाएं रोक कर हड़ताल पर हैं। एंबुलेंस कर्मचारियों ने सैकड़ों एंबुलेंसों को परेड मैदान में रविवार की आधी रात से खड़ी कर दी है। इनके चालकों ने एंबुलेंस सेवा को रोक दिया है। सरकारी एंबुलेंस सेवा बंद होने से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। एंबुलेंस कर्मचारी संघ की ओर से यह हड़ताल पूरे प्रदेश में शुरू है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रयागराज में भी परेड मैदान में सभी कर्मचारी हड़ताल पर हैं, सभी लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

एंबुलेंस कर्मचारी संघ का आरोप है कि नई कंपनी की ओर से एएलएस के हजारों कर्मचारियों को प्रदेश भर से निकाला जा रहा है। यह भी आरोप लगाया कि अभी तक एएलएस अपने कर्मियों जो वेतन देती थी। नई कंपनी उससे कम वेतन पर काम दे रही है। इसलिए इसका विरोध करने के लिए हड़ताल किया गया है। बताया कि इस मामले को लेकर प्रदेश भर में एंबुलेंस कर्मी बीते तीन दिनों से शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे। लेकिन जब बात नहीं बनी तो मजबूरी में रविवार की आधी रात से एंबुलेंस के पहिए को रोककर हड़ताल पर हैं। कहा कि यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी सभी मांगे नहीं पूरी हो जाती।


दरअसल एंबुलेंस की एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम की तीन एजेंसियों की एंबुलेंस चलती हैं। इनमें प्रयागराज में भी एंबुलेंस संचालित होती है। प्रयागराज की सैकड़ों एंबुलेंस को रविवार आधी रात से संगम क्षेत्र के परेड मैदान में खड़ी कर सभी चालक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। एंबुलेंस कर्मियों का कहना है कि ठेका सरकार ने बदल दिया है। इसलिए एंबुलेंस संघ ने ठेका प्रथा को बंद करके एंबुलेंस पर काम कर रहे सभी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है। सरकारी एंबुलेंस सेवा ठप होने से प्रयागराज में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी हो रही है।

हड़ताल कर रहे एंबुलेंस कर्मचारी संघ का कहना है कि आए दिन एंबुलेंस बदलती रहेंगी और वह कर्मचारियों का शोषण करती रहेंगी। इसलिए एंबुलेंस चालकों व स्टाफ को सरकार से नियमित किए जाने की मांग की है। उनका कहना है कोविड-19 की विषय परिस्थिति में एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाई थी। वहीं अब उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

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