Google Image | भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
UP Assembly Election 2022 : आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सभी दल ब्राह्मणों को इस बार अधिक फोकस कर रही है। रविवार को भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर हुई। बैठक में ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने पर मंथन किया। बैठक में प्रदेशभर के दिग्गज ब्राह्मण नेता मौजूद रहे। 2017 में बीजेपी के 312 विधायकों में 58 ब्राह्मण चुनकर आए थे। 56 मंत्रियों में योगी सरकार में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, जितिन प्रसाद, श्रीकांत शर्मा और ब्रजेश पाठक सहित 9 ब्राह्मण मंत्री हैं।
यह नेता पहुंचे
आगामी विधानसभा ब्राह्मण वोटरों को लुभाने के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के दिल्ली आवास पर यूपी के ब्राह्मण नेताओं की बैठक अहम मानी जा रही है। पार्टी के बड़े नेताओं ने ब्राह्मण नेताओं की एक टीम गठित की है। जिसमें पार्टी के पार्टी के सांसद, मंत्री शामिल हैं। जेपी नड्डा से मुलाकात के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा और अन्य ब्राह्मण नेता उपस्थित रहे।
यूपी में ब्राह्मणों का वोट बैंक
विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण वोट बैंक लगभग 10 फीसदी वोट के आसपास टिकी हुई है, लेकिन प्रदेश में ब्राह्मण समाज का वर्चस्व इससे कहीं अधिक है। सूबे की करीब 60 से ज्यादा सीटों पर ब्राह्मण वोटर निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। एक दर्जन जिलों में इनकी आबादी 20 फीसदी से अधिक है। महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, भदोही, बलरामपुर, कानपुर, वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, अमेठी, प्रयागराज में ब्राह्मण मतदाता 15 फीसदी से ज्यादा है। यहां पर ब्राह्मण वोटर्स किसी भी उम्मीदवार की हार या जीत तय करते हैं। 1989 के बाद से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जिस भी पार्टी ने ब्राह्मण कार्ड खेला, उसे सियासी तौर पर बड़ा फायदा हुआ है।