UP Assembly Election 2022 : इन 4 दिग्गजों को कोई नहीं हरा पाया, नौंवीं बार चुनाव मैदान में उतरे

Tricity Today | इन 4 दिग्गजों को कोई नहीं हरा पाया



UP Vidhansabha Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। उत्तर प्रदेश में कई ऐसे दिग्गज नेता हैं, जो पिछले 8 चुनावों से विधानसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं। इन नेताओं पर लहर या चुनावी बयार का कोई असर नहीं होता है। ख़ास बात यह है कि ये नेता सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) से लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) तक हैं। इनके राजनीतिक कद का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि निर्दलीय भी जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं। और तो और सीट बदलने से बदले समीकरण भी इनके खिलाफ कोई प्रभाव नहीं डाल पाए थे। आइये इन नेताओं के बारे में जानते हैं और आपको बताते हैं कि इस चुनाव में इनकी क्या भूमिका है।

1. दुर्गा प्रसाद यादव (आजमगढ़)
उत्तर प्रदेश विधानसभा में सबसे पुराने विधायक आजमगढ़ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी दुर्गा प्रसाद यादव हैं। इस सीट से पहली बार 1985 में जीतने वाले दुर्गा प्रसाद यादव इसके बाद 1989, 1991, 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में लगातार चुनाव जीतते आए हैं। दुर्गा प्रसाद यादव ने पिछले यानि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अखिलेश को 26,262 वोटों के अंतर से हराया था। दुर्गा प्रसाद यादव को 88,087 और अखिलेश को 61,825 वोट मिले थे। हाल ही में वह चर्चा का विषय बन गए थे जब पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव की जनसंपर्क के दौरान जुबान फिसल गई थी। मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी पार्टी यानि समाजवादी पार्टी को ही उखाड़ फेंकने की बात कह डाली थी। हालांकि, गलती का एहसास होते ही समर्थकों ने पूर्व मंत्री के वक्तव्य को सही करवाया और भाजपा को उखाड़ फेंकने की बात कही।

2. राम गोविंद चौधरी (बांसडीह)
इस सूची में दूसरा नाम राम गोविन्द चौधरी का है। बलिया जिले की बांसडीह सीट पर सपा के टिकट पर जीते रामगोविंद चौधरी इस समय विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। चौधरी पहली बार 1977 में विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद वह वर्ष 1980, 1989, 1991, 2002, 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए चुने गए। राम गोविन्द चौधरी ने 2017 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार केतकी सिंह को 1,687 वोट के अंतर से हराया था। चौधरी को 51,201 और केतकी को 49,514 वोट मिले थे। राम गोविंद चौधरी यह चुनाव भी लड़ रहे हैं। उन्होंने बीते मंगलवार को दावा किया कि जिस दिन अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे उसी दिन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' जेल जाएंगे। चौधरी ने योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि योगी सरकार इतिहास में हत्यारों, दुष्कर्मियों और उत्पीड़कों की मदद करने और आम आदमी का उत्पीड़न व दोहन करने के लिए याद की जाएगी।

3. श्याम सुंदर शर्मा (मांट)
वेस्ट यूपी में मथुरा जिले की मांट सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए श्याम सुंदर शर्मा भी सबसे अधिक बार विधायक चुने गए लोगों की लिस्ट में शामिल हैं। श्याम सुंदर शर्मा पहली बार वर्ष 1989 में विधायक चुने गए थे। उसके बाद वर्ष 1991, 1993, 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में चुनाव जीतते रहे हैं। वह बसपा में आने से पहले तृणमूल कांग्रेस, अखिल भारतीय लोकतांत्रित कांग्रेस, ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) और कांग्रेस में रह चुके हैं। श्याम सुंदर शर्मा ने 2017 के चुनाव में आरएलडी के योगेश चौधरी को 432 वोट के मामूली अंतर से हराया था। शर्मा को 65,862 और योगेश को 65,430 वोट मिले थे। अब एक बार फिर श्याम सुंदर शर्मा चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने मांट विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। वह फिर से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

4. सुरेश कुमार खन्ना (शाहजहांपुर)
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में वित्त, संसदीय कार्य और मेडिकल एजुकेशन विभाग के मंत्री सुरेश कुमार खन्ना का नाम भी सबसे अधिक बार विधायक चुने जाने वालों की लिस्ट में शामिल हैं। वह विधानसभा में शाहजहांपुर सदर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। खन्ना 1989 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। वर्ष 1991, 1993, 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। ख़ास बात यह है कि उत्तर प्रदेश में सरकार किसी की आए, सुरेश कुमार खन्ना को कोई हरा नहीं पाया है। सुरेश कुमार खन्ना ने 2017 के चुनाव में सपा के तनवीर खान को 19,203 वोटों के अंतर से हराया था। खन्ना को 1,00,734 और तनवीर खान को 81,531 वोट मिले थे।

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