कौन जीतेगा यूपी : अगर सुआर विधानसभा सीट की बात करें तो पिछले चुनाव के दौरान इस इलाके में मतदाताओं की संख्या 2,95,945 थी। कहने के लिए मुकाबला समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद अब्दुल्लाह आजम खान और भारतीय जनता पार्टी की लक्ष्मी सैनी के बीच था, लेकिन यह चुनाव पूरी तरह एकतरफा रहा। अब्दुल्लाह आजम खान को 1,06,443 वोट मिले। जबकि लक्ष्मी सैनी केवल 53,347 वोट हासिल कर पाई थीं। बहुजन समाज पार्टी के नवाब काजिम अली खान 42,233 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। आप सहज रूप से अंदाजा लगा सकते हैं कि अल्पसंख्यक वोटरों में अच्छा-खासा विभाजन होने के बावजूद अब्दुल्लाह आजम खान ने 52,096 वोटों के भारी-भरकम अंतर से जीत हासिल की थी। मतलब, भाजपा उम्मीदवार को कितने वोट मिले थे। लगभग इतने ही वोटों से हार का सामना भी करना पड़ा था।
विवादों में घिरे विधायक अभी जेल में हैं
विधायक मोहम्मद अब्दुल्लाह आजम खान समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता मोहम्मद आजम खान के बेटे हैं। जब उन्होंने चुनाव लड़ा तो उनकी उम्र 22 वर्ष नहीं थी। आपको बता दें कि देश में कोई भी विधानसभा या लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु 22 वर्ष होना लाजमी है। यह मामला कोर्ट गया और अंततः अब्दुल्लाह आजम खान को हार का सामना करना पड़ा। उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। जिसके चलते इस सीट पर भारत निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव नहीं करवाया। कुल मिलाकर यह सीट अभी खाली पड़ी हुई है।
आने वाले चुनाव में सपा को चुनौती नहीं
अब अगर आने वाले विधानसभा चुनाव की बात करें तो सुआर विधानसभा सीट पर अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या आधे से भी ज्यादा है। इस बार मुसलमान वोटर पूरी तरह समाजवादी पार्टी के साथ खड़े नजर आते हैं। इसके अलावा मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम खान के जेल जाने से अल्पसंख्यक वोटरों में गुस्सा भी है। इस सीट पर दलित, सैनी और पिछड़ी जातियों के वोटर भी अच्छी-खासी संख्या में है, लेकिन अल्पसंख्यक मतदाताओं की लामबंदी के सामने इनकी चुनौती फीकी है। हालांकि, आने वाले चुनाव में मुकाबला एकबार फिर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही देखने को मिलेगा। यह बात अलग है कि इस सीट पर एक बार फिर अब्दुल्लाह आजम खान या उनकी पत्नी चुनाव लड़ेंगी। भाजपा से लक्ष्मी सैनी एकबार फिर चुनाव लड़ने के लिए दवा कर रही हैं। मतदाताओं की नब्ज और इस सीट के समीकरणों की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि मुकाबला पहले की तरह एकतरफा ही होगा।