UP Vidhansabha Chunav : उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने 30 दिसंबर को प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है। मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव आयुक्त संवाददाताओं को यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से जुड़ी जानकारियां देंगे। पता चला है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की ओर से की गई अपील पर भारत निर्वाचन आयोग स्थिति साफ करेगा। आपको बता दें कि शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को टालने की अपील भारत निर्वाचन आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताई आपत्ति
आपको बता दें कि शुक्रवार की दोपहर ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव को लेकर चिंता जताई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच चुनावी राज्यों में राजनीतिक रैलियों को रोकने के लिए केंद्र से आग्रह किया। हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद बहुत से नेताओं और खुद चुनाव आयोग को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग बैठक कर सकता है।
"विधानसभा चुनाव को स्थगित पर विचार"
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने प्रधानमंत्री और मुख्य चुनाव आयुक्त से आगामी विधानसभा चुनाव को स्थगित करने, राजनीतिक रैलियों और चुनाव अभियानों को रोकने पर विचार करने का अनुरोध किया है। पार्टियों की चुनावी सभाएं और रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। पार्टियां चुनाव प्रचार दूरदर्शन और समाचार पत्रों के माध्यम से करें।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- जान है तो जहान है
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार ने कहा, "प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, जान है तो जहान है। अगर जीवन है तो चुनावी रैलियां और बैठकें हो सकती है। चुनाव आयोग और भारत सरकार को राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाने और यूपी विधानसभा चुनाव स्थगित करने पर विचार करना चाहिए।"
"चुनाव एक-दो माह के लिए टाल दें"
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा, "संभव हो सके तो फरवरी या मार्च में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें। क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है। इस वैश्विक महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है।"