लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में प्रभावित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को सरकार ने छह हजार आरक्षित वर्ग के लोगों को नौकरी देने का निर्णय लिया है। वहीं, 17 हजार रिक्त पदों पर नई भर्ती कराने का फैसला लिया है। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों की सूची को 28 दिसंबर 2021 तक तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद 30 दिसंबर को राज्य सूचना विज्ञान केंद्र की वेबसाइट पर इस लिस्ट को प्रकाशित भी कर दिया जाएगा।
6 जनवरी को दिए जाएंगे नियुक्ति पत्र
3 से 5 जनवरी तक अभिलेखों के परीक्षण के बाद 6 जनवरी को अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित कर दिए जाएंगे। बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बताया कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की विसंगति को दूर करने के लिए आरक्षित वर्ग के प्रभावित 6 हजार अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी। इसके साथ ही 17 हज़ार नए खाली पदों पर भर्ती होगी। जिसकी प्रक्रिया शुक्रवार यानी आज से कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद दो चरणों में 137000 पदों में की गई भर्ती प्रक्रिया के बाद 17000 रिक्त पदों पर नई भर्ती किए जाने का निर्णय लिया गया है।
आरक्षण में गड़बड़ी होने का था आरोप
दरअसल, शिक्षक भर्ती आरक्षण की गड़बड़ी के आरोपों को लेकर भी चर्चा में थी। वहीं अभ्यर्थियों का कहना था कि यदि प्रदेश सरकार ने जल्द जांच करवाकर चयन से बाहर हो गए पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई। आरोप था कि 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़े अभ्यर्थियों के लगभग 6000 पदों पर घोटाला हुआ है। अभ्यर्थियों का यह भी कहना था कि अनारक्षित की कट ऑफ 67.11 के नीचे 27% आरक्षण दिया जाए। ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 18598 में से मात्र 2637 सीट मिली हैं। बता दें कि 2019 में आयोजित इस भर्ती प्रक्रिया में कई लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसमें से लगभग एक लाख 40 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे।