बिजनौर : उत्तर प्रदेश के बिजनौर से बड़ी खबर आ रही है। यहां ग्रामीणों के दावों पर उस समय मुहर लग गई, जब अलग-अलग पिंजरों में दो गुलदार कैद हो गए। गांव खत्रीवाला में शनिवार की रात वन विभाग की ओर से विभिन्न स्थानों पर दो पिंजरे लगाए गए थे। वन विभाग की टीम को तीन दिन में तीन गुलदार पकड़ने में सफलता मिली है। माना जा रहा है कि इसके बाद ग्रामीणों के मन में गुलदार के प्रति दहशत कम होगी।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, गांव खत्रीवाला में पांच दिन पहले पदम सिंह के 13 वर्षीय पुत्र जिगर को गुलदार घर के आंगन से उठाकर ले गए थे। गुलदार बच्चे को मारकर खा गए थे। अगले दिन सुबह गांव के पास चरी के खेत उसके शरीर कुछ हिस्सा मिला था। अवशेष खेत में जहां-तहां पड़े मिले थे। इस घटना के बाद से ही ग्रामीण तभी से दो या दो से अधिक गुलदार होने का दावा कर रहे थे।
तीन दिन पहले भी फंसी थी मादा गुलदार
वन विभाग ने घटना की शाम को ही घटनास्थल के पास एक पिंजरा लगाया था, जिसमें रात में ही एक मादा गुलदार फंस गई थी। शनिवार को ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग की टीम ने दो पिंजरे गांव खत्रीवाला में और एक पिंजरा गांव धरमूवाला में लगाया था। खत्रीवाला में लगाए गए पिंजरों में वन विभाग ने एक पिंजरे में बकरी और दूसरे पिंजरे में कुत्ते को बांधा था। रात्रि में दोनों ही पिंजरों में एक-एक गुलदार फंस गए। सुबह सवेरे जब दो वनकर्मी ग्रामीणों के साथ पिंजरे को देखने पहुंचे तो दोनों में ही गुलदार कैद मिले। पिंजरे में कुत्ता और बकरी सुरक्षित थे।
सेहत की जांच के बाद बाहर भेजे जाएंगे गुलदार
थानाध्यक्ष सुमित राठी और वन दारोगा धर्मेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और ग्राम प्रधान के पति खूब सिंह के सहयोग से दोनों गुलदारों के पिंजरों को ट्रैक्टर-ट्रिप्पलर में लादकर नगीना के कृषि अनुसंधान केंद्र पहुंचाया। वन दरोगा धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि कृषि अनुसंधान केंद्र से दोनों गुलदारों को अमानगढ़ वन रेंज ले जाया जाएगा। वहां से दोनों गुलदारों का स्वास्थ्य जांच के बाद वन अफसरों के आदेश पर बाहर भेजा जाएगा। बता दें कि तीन दिन पहले पकड़े गए गुलदार को कानपुर के चिड़ियाघर भेजा गया था। एसडीएम नगीना शैलेंद्र कुमार सिंह और सामाजिक वानिकी नगीना वन क्षेत्राधिकार प्रदीप शर्मा भी मौके पर पहुंचे।