Shamli News : देश के प्रसिद्ध किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने से एक बड़ी चूक सामने आई है। यह वारंट करीब 17 साल पुराने एक मुकदमे के सिलसिले में शामली जिले के कांधला थाने में दर्ज मामले को लेकर जारी किया गया। हालाँकि, महेंद्र सिंह टिकैत का निधन 13 साल पहले, 15 मई 2011 को हो चुका है, जिससे यह वारंट प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण बन गया है।
टिकैत परिवार का फूटा गुस्सा
इस वारंट के जारी होने पर टिकैत परिवार ने गहरी नाराज़गी जताई है। महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और वर्तमान किसान नेता गौरव टिकैत ने बताया कि उन्हें यह समन गुरुवार देर शाम प्राप्त हुआ। उन्होंने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "अगर न्यायपालिका इस तरह से मुकदमों की सुनवाई करती रहेगी तो एक दिन ऐसा आएगा कि आम आदमी का न्यायपालिका से विश्वास उठ जाएगा। यही हाल पुलिस का भी है, थाने के अधिकारियों को भी यह जानकारी नहीं है कि महेंद्र सिंह टिकैत अब इस दुनिया में नहीं हैं।" टिकैत परिवार ने इस पूरे मामले को न्यायिक और पुलिसिंग तंत्र की विफलता करार दिया और ऐसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
13 साल पहले के बाद आज एक्शन, क्यों?
यह घटना न्यायिक प्रणाली और प्रशासनिक लापरवाही का एक गंभीर उदाहरण है। महेंद्र सिंह टिकैत के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करना, जबकि उनकी मृत्यु 13 साल पहले हो चुकी है, यह दर्शाता है कि सिस्टम में कई स्तरों पर सुधार की आवश्यकता है। गौरव टिकैत की प्रतिक्रिया इस पर बिल्कुल सही है, क्योंकि यदि न्यायालय और पुलिसिंग में इस प्रकार की त्रुटियाँ जारी रहती हैं, तो जनता का विश्वास न्याय प्रणाली से उठ सकता है।