उत्तर प्रदेश : इतने दिनों तक नहीं बिकेंगी ईंटें, व्यापारियों ने कहा- मांग पूरी नहीं होने तक रहेगा रोष

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Uttar Pradesh News/Lucknow : ईंट भट्टा मालिक, ऑल इंडिया ब्रिक एंड टाइल मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन और उप्र निर्माता समिति की तरफ से 12 से 17 सितंबर तक ईटों की बिक्री रोकने का फैसला लिया है। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर कहा कि जीएसटी दर में 240 से 600 प्रतिशत की वृद्धि वापस ली जाए।

12 से 17 सितंबर तक रहेगी ईंटो की बिक्री बंद 
ईंट भट्टा मालिकों ने ईंट की बिक्री करना बंद कर दिया है। उनका कहना हैं कि जीएसटी दर में 240 से 600 प्रतिशत की वृद्धि वापस ली जाए। उन्होंने कहा कि 12 से 17 सितंबर तक ईंटों की बिक्री नहीं होगी। इसके साथ ही संगठन के पदाधिकारियों का कहना हैं कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक ईंटों की बिक्री नहीं होगी और आंदोलन जारी रहेगा। 

संगठन ने रखी यह मांगे 
संगठन ने यह मांग की हैं कि भट्ठे में निर्मित लाल ईंटों पर जीएसटी दर में 240 से 600 प्रतिशत की वृद्धि वापस हो, भट्ठों को उचित दर का कोयला उपलब्ध हो, खुले बाजार में कोयले में सरकारी कीमत के सापेक्ष 3 गुना तक जारी ब्लैक मार्केटिंग पर अंकुश लगे, ईंट मिट्टी निकालने के लिए मशीनों के प्रयोग की सुलभ नीति बनाने तथा भट्ठों को नेचुरल ड्राफ्ट में परिवर्तित करने के लिए कम से कम 4 वर्ष का समय मिले। इन्हीं सब समस्याओं के लिए वह हड़ताल पर रहने के लिए मजबूर हैं। 

राजेंद्र अग्रवाल ने कहा ज्यादा दामों में खरीदनी पड़ रही ईंटे 
महामंत्री मुकेश मोदी ने कहा कि सरकार ने एक कदम आगे जाकर निर्माताओं के लिए ट्रेस होल्ड लिमिट जोकि 40 लाख की हैं, ईंट भट्ठों के लिए केवल 20 लाख कर दी हैं जो मनमाना व्यवहार करने जैसा हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल का कहना हैं कि कोयला जो पिछले सीजन में 7000 से 9000 रूपये प्रति टन में मिलता था वह वर्तमान में 18000 रूपये प्रति टन से लेकर 27000 रूपये प्रति टन में भट्ठें वाले खरीदने के लिए मजबूर हैं। सरकारी कोयले का आयात बिल्कुल बंद हैं। इससे ईंटों के उत्पादन लागत में वृद्धि हुई हैं और साथ ही ईंटों की कीमतों में भी गिरावट आई हैं। उनका कहना हैं कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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