उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले विधायकों के जोड़-तोड़ और अपने खेमे को मजबूत बनाने की सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हुए। जबकि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को अपने पाले में लाने के लिए लगातार सक्रिय है। खास तौर पर समाजवादी पार्टी बसपा के उन विधायकों से लगातार संपर्क में है, जिनको पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बसपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस पर बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए।
जातिवाद की संकीर्ण राजनीति में माहिर है सपा
उन्होंने कहा कि सपा का चाल-चरित्र ऐसा ही रहा है। वह दलित विरोधी पार्टी है और सुधार के लिए कतई तैयार नहीं है। बुधवार को इस बारे में मायावती ने कहा, “घृणित जोड़तोड़, द्वेष व जातिवाद आदि की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी द्वारा मीडिया के सहारे यह प्रचारित करना कि बीएसपी के कुछ विधायक टूट कर सपा में जा रहे हैं, घोर छलावा है। जबकि उन्हें काफी पहले ही सपा व एक उद्योगपति से मिलीभगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में एक दलित के बेटे को हराने के आरोप में बीएसपी से निलम्बित किया जा चुका है।” सपा का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा ही दलित-विरोधी रहा है
मायावती ने आगे कहा, “सपा अगर इन निलम्बित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती, तो अब तक इन्हें अधर में नहीं रखती। क्योंकि इनको यह मालूम है कि बीएसपी के यदि इन विधायकों को लिया, तो सपा में बगावत व फूट पड़ेगी, जो बीएसपी में आने को आतुर बैठे हैं। जगजाहिर तौर पर सपा का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा ही दलित-विरोधी रहा है, जिसमें थोड़ा भी सुधार के लिए वह कतई तैयार नहीं।” दरअसल बसपा के निष्काषित विधायकों से सपा नेता संपर्क में तो हैं, मगर उनको लेकर कोई स्पष्ट फैसला नहीं कर पा रहे हैं।
बसपा सरकार के कार्यों को पलट दिया
उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा, “इसी कारण सपा सरकार में बीएसपी सरकार के जनहित के कामों को बन्द किया व खासकर भदोही को नया संत रविदास नगर जिला बनाने को भी बदल डाला, जो अति-निन्दनीय था। वैसे बीएसपी के निलम्बित विधायकों से मिलने आदि का मीडिया में प्रचारित करने के लिए कल किया गया सपा का यह नया नाटक यूपी में पंचायत चुनाव के बाद अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के चुनाव के लिए की गई पैंतरेबाजी ज्यादा लगती है। यूपी में बीएसपी जन आकांक्षाओं की पार्टी बनकर उभरी है जो जारी रहेगा।”