बाबू जी को श्रद्धांजलि : कल्याण सिंह के नाम से जाना जाएगा बुलंदशहर मेडिकल कॉलेज, सीएम योगी आदित्यनाथ ने की घोषणा

Tricity Today | कल्याण सिंह



उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता कल्याण सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए घोषणा की। विभिन्न सड़कों के नाम कल्याण सिंह के नाम पर रखे गए। बुलंदशहर में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज का नाम भी कल्याण सिंह के नाम से जाना जाएगा। गुरुवार को इसकी घोषणा मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर के माध्यम से दी गई है।

बुलंदशहर मेडिकल कॉलेज का नाम कल्याण सिंह के नाम
कल्याण सिंह के जनसेवा भाव को नमन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, बुलंदशहर और सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान, चक गंजरिया, लखनऊ का नामकरण कल्याण सिंह के नाम पर करने का निर्णय लिया है। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर के माध्यम से दी गई है।

लखनऊ में हुआ था निधन
आपको बता दें कि बीते शनिवार की देर रात को कल्याण सिंह का लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार बुलंदशहर के नरौरा घाट पर किया गया। उनके अंतिम संस्कार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह समेत काफी नेता और मंत्री भी मौजूद थे।

5 सड़कों के नाम "बाबू जी" के नाम पर
कल्याण सिंह के निधन के बाद उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में सड़कों के नाम उनके नाम पर रखे गए हैं। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अयोध्या सहित छह जिलों लखनऊ, अलीगढ़, एटा, बुलंदशहर, प्रयागराज में एक-एक महत्वपूर्ण सड़क का कल्याण सिंह मार्ग नामकरण किया जाएगा। सड़क अब कल्याण सिंह के नाम पर होगी। इसके साथ ही अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक जाने वाली सड़क का नाम कल्याण सिंह मार्ग होगा।

89 साल की उम्र में छोड़ी दुनिया 
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने शनिवार को दुनिया छोड़ दी। 89 वर्ष के कल्याण सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका जन्म 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़ जिले की अतरौली तहसील के मढ़ौली गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। वे बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने अध्यापक की नौकरी की। उन्होंने इसके साथ ही राजनीति भी जारी रखी। वर्ष 1991 में भाजपा की उत्तर प्रदेश में बनी सरकार के पहले मुख्यमंत्री बने। दुनिया छोड़ गए लेकिन राजनीति में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

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