Tricity Today | लखनऊ में 124 दिन से ज्यादा धरने पर बैठे शिक्षक अभ्यर्थियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री से भर्ती को लेकर गुहार लगाई
69000 शिक्षक भर्ती मामला : लखनऊ में 124 दिन से ज्यादा धरने पर बैठे शिक्षक अभ्यर्थियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री से भर्ती को लेकर गुहार लगाई है। 69000 शिक्षक भर्ती के 60 तथा 65 कटऑफ पर पास अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा है। पत्र में अभ्यर्थियों ने मांग की है 137000 शिक्षक भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्ण की जाए। बता दें कि 68500 शिक्षक भर्ती की रिक्त 22000 सीट 69000 भर्ती में जोड़ी जाएं इसके लिए अभ्यर्थी बीते 4 महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बीती 21 तारीख को पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पीड़ित अभ्यर्थी अपना दर्द बयां कर रहे थे। पुलिस पर महिलाओं के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था जिसमे कई छात्राओं को गंभीर चोटें आई थीं।
पत्र में लिखी ये बात
शिक्षक अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा कि हम अभ्यार्थी आपके कृपा के आकांक्षी हैं तथा 4 माह से अधिक समय से भूख, प्यास सहते हुए SCERT परिसर लखनऊ में धरनारत है। हम अभ्यर्थी आपके ही बच्चे हैं हमारी भूल को क्षमा करें तथा 1,37,500 के समस्त रिक्त पदों को हम योग्य अभ्यर्थियों द्वारा पूर्ण करने की कृपा करें। अभ्यर्थियों ने आगे लिखा कि आप एक संत और प्रदेश के मुखिया हैं। आपकी कृपा से हम योग्य अभ्यर्थियों का जीवन सार्थक हो जाएगा।
पुलिस कर्मियों पर लगा था मारपीट का आरोप
68500 की रिक्त 22000 सीट 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में जोड़ी जाएं इसको लेकर अभ्यर्थी एससीईआरटी कार्यालय के अंदर घुसकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान बीते गुरुवार को एससीईआरटी कार्यालय परिसर में पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। अभ्यर्थियों का पुलिस पर आरोप है कि पुलिस ने धरना प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर जमकर लाठी बरसाई जिससे कई अभ्यर्थियों को गंभीर चोटें आयी हैं। इसके साथ ही पुलिस ने कई अभ्यर्थियों को हिरासत में भी ले लिया। पुलिस कर्मियों पर यह भी आरोप है कि लाठीचार्ज का कोई अभ्यर्थी वीडियो ना बनाएं इसलिए सभी अभ्यर्थियों के मोबाइल छीन लिए थे।
ये था मामल
बता दें कि शिक्षक भर्ती आरक्षण की गड़बड़ी के आरोपों को लेकर भी चर्चा में आ चुकी है। अभ्यर्थियों का कहना था कि यदि प्रदेश सरकार ने जल्द जांच करवाकर चयन से बाहर हो गए पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई। अभ्यर्थियों का आरोप था कि 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़े अभ्यर्थियों के लगभग 6000 पदों पर घोटाला हुआ है। 2019 में आयोजित इस भर्ती प्रक्रिया में कई लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसमें से लगभग एक लाख 40 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे।