कन्नौज में बिकरू कांड पार्ट-2 : मुजफ्फनगर के कांस्टेबल की मौत, हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे का एनकाउंटर

Tricity Today | कांस्टेबल सचिन राठी



Kannauj News : यूपी के कन्नौज में कानपुर के बिकरू कांड जैसी वारदात हुई है। यहां हिस्ट्रीशहर अशोक कुमार उर्फ मुन्नालाल यादव को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग में घायल कांस्टेबल सचिन राठी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। कांस्टेबल सचिन की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस महकमे में भी शोक की लहर है। बता दें कि दो महीने बाद फरवरी, 2024 में सचिन की शादी होनी थी। परिवार के लोग शादी की तैयारियों में लगे थे, लेकिन जैसे सचिन की मौत की सूचना उनको मिली तो कोहराम मच गया।

क्या है पूरा मामला
कन्नौज के विशुनगढ़ के धरनी धरपुर नगरिया गांव में हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुन्ना यादव के घर पुलिस हत्या के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट लेकर गई थी। हिस्ट्रीशीटर की गिरफ्तारी के बाद उसके बेटे ने पुलिस टीम पर हमला बोल पिता को छुड़ा लिया था। बाद में पिता पुत्र ने मिलकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जब तक पुलिस कुछ समझ पाती, एक गोली सिपाही सचिन राठी को लग गई। वो जमीन पर गिर पड़े। लहूलुहान हालत में आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उन्हें गंभीर हालत में कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रात में ही डाक्टरों ने सचिन का आपरेशन किया था। लेकिन, देर रात इलाज के दौरान सचिन की मौत हो गई। सचिन राठी वर्ष 2019 में यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे।

मंगेतर का बुरा हाल
बता दें कि जिस वक्त कानपुर के अस्पताल से सचिन राठी का शव बाहर निकाला जा रहा था, उनकी मंगेतर भी वहां मौजूद थी। रोती-बिलखती सचिन की मंगेतर को किसी तरह घरवालों ने संभाला। वह बार-बार शव वाहन में बैठने की जिद कर रही थी। बाद में परिजन उन्हें दूसरी कार में बैठाकर ले गए। माहौल बेहद भावुक कर देने वाला था। बताया जा रहा है कि सचिन की मंगेतर भी सिपाही है। वह सौरिख थाने में तैनात है।

देर शाम गांव पहुंचेगा पार्थिव शरीर
सिपाही सचिन राठी का पार्थिव शरीर मंगलवार देर शाम तक गांव शाह डब्बर पहुंचेगा। कन्नौज में ही शव का पोस्टमार्टम होगा। इस घटना से गांव में शोक व्याप्त हो गया है। पीड़ित परिवार के यहां सांत्वना देने वाले पहुंच रहे हैं। बता दें कि शहीद सिपाही कुल तीन बहन-भाई हैं। एक छोटी बहन है, जबकि एक बड़ा भाई है। पिता खेती-किसानी करते हैं। पूरा परिवार मूल रूप से मुजफ्फरनगर के गांव शाह डब्बर का रहने वाला है।

हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे का एनकाउंटर
 घटना के बाद पुलिस ने चारों तरफ से हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव के घर को घेर लिया। अंधेरा होने पर अशोक अपने बेटे के साथ भागने की फिराक में था। जब पुलिस ने उसे रोका तो उसने फिर फायरिंग कर दी। उसके बाद जवाबी फायरिंग में बाप-बेटे के पैर में गोली लग गई और उन्हें पकड़ लिया गया। इनके पास से दो तमंचे बरामद किये गए हैं। घर की तलाशी में एक डबल बैरल राइफल भी बरामद की गई है।

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