प्रयागराज : इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बोले- शोध ऐसा होना चाहिए जो समाज के लिए उपयोगी हो

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इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में धर्मेंद्र प्रधान बोले- शोध ऐसा होना चाहिए जो समाज के लिए उपयोगी हो

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। सोमवार को दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक सीनेट हॉल में हुआ। इस समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विश्वविद्यालय में दीनदयाल उपाध्याय के नाम से शोध पीठ की स्थापना की जाएगी। इसमें गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए शोध होगा। विश्वविद्यालय इस वर्ष से पहली बार वेस्ट टीचर्स को द्रोणाचार्य अवार्ड और शोधार्थियों को मेघनाथ साहा अवार्ड से भी सम्मानित किया।

केंद्रीय मंत्री प्रधान ने आगे कहा कि कुलाधिपति आशीष कुमार चौहान की पहल पर विश्वविद्यालय में एक सेंटर की स्थापना की जा रही है। इसमें रोजगार परक कार्यक्रमों को लेकर छात्रों को सलाह दी जाएगी। उन्हें किस तरह से रोजगार मिले इसके लिए छात्रों का मार्गदर्शन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव, सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, राष्ट्रीय हॉकी टीम के कोच पीयूष दूबे आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद जब पत्रकारों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से गीतकार गुलजार को मानद डीलिट उपाधि न दिए जाने के बारे में सवाल पूछा तो वह बिना कुछ बोले आगे बढ़ गए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह का सीधा प्रसारण विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज और यू-टयूब चैनल पर किया गया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ऐसा शोध कराया जाए, जो समाज के उपयोग में हो। केवल शोध पत्र में प्रकाशन के लिए रिसर्च न कराया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से विश्वविद्यालय में पांच साल के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ की स्थापना कराने का ऐलान किया। यूनिवर्सिटी की गिरती रैंकिंग पर चिंता जाहिर की और कहा कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ज्ञान का बड़ा केंद्र है। भारतीय भाषा आधारित ज्ञान देने और आजादी के आंदोलन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का बहुत बड़ा योगदान रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को जल्द भरने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय देश का नेतृत्व करने वाली प्रयोगशाला है। प्रयागराज को महर्षि भारद्वाज की तपोभूमि एवं चंद्रशेखर आजाद की बलिदान भूमि बताया और छात्रों से कहा कि यहां से मिला ज्ञान एवं अनुभव आपको बहुत दूर तक ले जाएगा।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोरोना किसी प्रलय से कम नहीं था। समाज का निचला तबका सबसे ज्यादा परेशान था, दो वर्ष से दुनिया थम गई थी। दुनिया में जब चहल पहल शुरू हुई तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत 2070 में जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला देश हो जाएगा। इसके बाद दुनिया हमारी ओर आशा भरी निगाह से देख रही है। हमारी संस्कृति और धर्म नीति ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। आज भारत में दो वैक्सीन बन गई है और 108 करोड़ जनता का वैक्सीनेशन हो चुका है। यह अपने आप में एक मिसाल है हम मास्क इसलिए लगाते हैं कि हमसे दूसरा न प्रभावित हो जाए यह हमारी लोकतांत्रिक ताकत और संस्कार है। हम विश्व की आवश्यकता पूरी करने वाले देश हैं हमने खुद वैक्सीन लगाई और मित्र देशों को भी दिया।

दीक्षांत समारोह में मेडल व पीएचडी की उपाधि
दीक्षांत समारोह में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र-छात्राओं को 264 मेडल दिए गए। इनमें से चार ऐसे मेधावी हैं जिन्हें चांसलर गोल्ड मेडल दिया गया। इसके अलावा चार को चांसलर सिल्वर मेडल और दो को चांसलर ब्रांज मेडल दिया गया। विभिन्न विषयों में शोध करने वाले 550 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। जिन चार छात्रों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक दिया गया उनमें बीएएलएलबी के हिमांशु दूबे, एमएससी कॉग्निटिव साइंस के शिवनेर रेवती विजय, बीसीए की अंशिका मित्तल और एमएससी बॉटनी की माधवी सिंह शामिल हैं। कुलाधिपति सिल्वर मेडल बीएससी बायो की नेहा मिश्रा, एमएससी कंप्यूटर साइंस की श्रेया अग्रवाल, बीए की साल्विका उपाध्याय, एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के शशांक कुमार त्रिपाठी को दिया गया। इसके अलावा बीए के कुल भूषण तिवारी, बीटेक के ऊर्जा श्रीवास्तव को कुलाधिपति ब्रांज मेडल प्रदान किया गया।

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