गोरखपुर से बड़ी खबर : कुख्यात माफिया विनोद उपाध्याय का एनकाउन्टर, तड़के तीन बजे हुई एसटीएफ से मुठभेड़

Tricity Today | माफिया विनोद उपाध्याय का एनकाउन्टर



Gorakhpur News : यूपी के गोरखपुर से इस समय एक बड़ी खबर आ रही है। एसटीएफ ने सुल्तानपुर में हुई मुठभेड़ में माफिया विनोद उपाध्याय को ढेर कर दिया। पुलिस के लिए सिरदर्द बने प्रदेश के 61 और गोरखपुर जिले के टॉप 10 बदमाशों में शामिल विनोद उपाध्याय की आठ माह से सरगर्मी से तलाश चल रही थी। मई, 2023 में गुलरिहा थाने में रंगदारी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह फरार चल रहा था। सितम्बर में एडीजी जोन ने उसके ऊपर एक लाख रुपये इनाम घोषित किया था। विनोद ने चर्चित माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला के सम्पर्क में आने के बाद जरायम की दुनिया में कदम रखा था। उसका अंत भी श्रीप्रकाश शुक्ला जैसा ही हुआ। शुक्रवार तड़के 3:30 बजे सुल्तानपुर में एसटीएफ के साथ उसकी मुठभेड़ हुई, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया। एसटीएफ उसे अस्पताल ली गई, जहां कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया।

अयोध्या के माफिया का गोरखपुर में ठिकाना
गोरखपुर में विनोद उपाध्याय ने गुलरिहा के मोगलहा में अपना ठिकाना बनाया था। मूलरूप से वह अयोध्या जिले के मया बाजार स्थित उपाध्याय के पुरवा का रहने वाला था। मई में गुलरिहा और शाहपुर थाने में रंगदारी, धमकी और जालसाजी का केस दर्ज होने के बाद अपने भाई और सहयोगियों संग फरार हो गया। आईजी रेंज ने अगस्त में माफिया पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था, लेकिन माफिया को पुलिस पकड़ नहीं सकी। सितम्बर में एडीजी जोन ने इनाम बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया, जिसके बाद उसका नाम मोस्ट वांटेड की लिस्ट में जुड़ा और एसटीएफ की टीम ने सरगर्मी से तलाश शुरू की। पिछले आठ माह से माफिया के गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ और प्रदेश के अन्य शहरों में स्थित ठिकाने पर छापेमारी चल रही थी। अंत में एसटीएफ टीम को सफलता मिली। मुठभेड़ में घायल होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।

गोरखपुर में कराया था अवैध निर्माण
माफिया विनोद उपाध्याय ने गुलरिहा के सलेमपुर उर्फ मोगलहा में स्थित 500 वर्गमीटर जमीन पर बिना मानचित्र स्वीकृत कराये अवैध निर्माण कराया था। शिकायत पर 27 अप्रैल को जीडीए (गोरखपुर विकास प्राधिकरण) की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की और उसके विरुद्ध वाद दायर करते हुए 12 मई तक कार्यालय में प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस दिया, लेकिन माफिया प्रस्तुत नहीं हुआ। बिना नक्शा पास कराये निर्माण कराने पर जीडीए (गोरखपुर विकास प्राधिकरण) ने माफिया द्वारा तय समयसीमा के भीतर जवाब न देने पर 17 जून, 2023 को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की।

पूर्व मंत्री बनकर छिपा रहा लखनऊ के फ्लैट में 
फरारी के दौरान माफिया विनोद उपाध्याय दो माह तक लखनऊ के फ्लैट में छिपा रहा। आसपास के लोग उसे पूर्व मंत्री जानते थे। पूछने पर उसके सहयोगी भी यही बताते थे। सर्विलांस की मदद से लोकेशन मिलने पर गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची, तो चकमा देकर साले संग फरार हो गया। आसपास के लोगों को पुलिस ने बताया कि फ्लैट में पूर्व मंत्री नहीं, गोरखपुर का माफिया रहता है। इसके बाद लोग हैरान हो गए थे।

आठ माह तक देता रहा पुलिस को चकमा
विनोद उपाध्याय का लखनऊ में दो फ्लैट है। एक में उसके गिरोह के सदस्य और परिचित रहते थे, दूसरे में वह अपने साले संग रहता था। जिस फ्लैट में विनोद रहता था, उसके बारे में करीबियों को ही पता है। अगस्त में गोरखपुर पुलिस ने विनोद के चालक समेत तीन साथियों को पकड़ा तो ठिकाने के बारे में पता चला। क्राइम ब्रांच की टीम इस ठिकाने पर पहुंची तो विनोद ताला बंद कर फरार हो चुका था। सर्विलांस की मदद से टीम माफिया का पीछे कानपुर के पनकी तक गई, लेकिन हाथ नहीं लगा। बाद में पता चला कि वह मध्य प्रदेश चला गया है।

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