Uttar Pradesh|Bulandshahar : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का (CM Yogi Adityanath) ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) का निर्माण काफी तेज गति के साथ चल रहा है। एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य के बीच बड़ी खबर सामने निकल कर आई है। गंगा एक्सप्रेस-वे सदरपुर के पास से बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर हाईवे से जोड़ा जाएगा। एक्सप्रेस-वे हापुड़ की गढ़मुक्तेश्वर तहसील के सकरा टीला से अमरोहा जिले में प्रवेश करेगा। हाईवे जोड़ जाने के बाद आसपास के क्षेत्रों को इसका भरपूर फायदा मिलेगा। हाईवे के निर्माण के लिए हापुड़ जिले की गढ़मुक्तेश्वर तहसील में भी आठ गांवों की 296 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
एक्सप्रेस-वे जिले की स्याना तहसील के बीहटा से निकल अनूपशहर ब्रांच के ऊपर से हापुड़ के जखेड़ा झाल से दोबारा फिर हापुड़ में प्रवेश करेगा। एक्सप्रेस-वे हापुड़ के जखेड़ा से सदरपुर पर बुलंदशहर-स्याना-गढ़मुक्तेश्वर हाईवे के ऊपर से पार होगा। सदरपुर से बहादुरगढ़ होते हुए सकरा टीला गंगा नदी पर पहुंचेगा। गंगा नदी पर पक्के पुल के सहारे एक्सप्रेस-वे गंगापार अमरोहा जिले की हसनपुर तहसील में प्रवेश करेगा। यहां पर फिलहाल पिलर लगाने का कार्य किया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे में स्याना तहसील के गांव स्याना तहसील के गांव पोटा कबूलपुर, कुचेसर, बेनीपुर, हिंगवाड़ा, लाड़पुर, इकलेडी, बीहटा में गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 123 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
9,255 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की आकलित सिविल निर्माण लागत लगभग 22,125 करोड़ रुपये है। परियोजना के लिए जरूरी भूमि अधिग्रहण में कुल 9,255 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए परियोजना के चार ग्रुप के लिए अलग-अलग आरएफक्यू-कम-आरएफपी जारी कर और उनके सापेक्ष कन्शेसनायर्स का चयन किया जाएगा। पूरी बिड प्रक्रिया को पूरा करने में कम से कम 60 दिन लग सकते हैं। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
गांवों-कस्बों को मिलेगा लाभ
इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत होगी। साथ ही मेरठ और प्रयागराज समेत दर्जनों जनपदों के बीच आवागमन में कम वक्त लगेगा। पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। एक्सप्रेस वे से जुड़े गांवों और कस्बों में सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ कृषि, वाणिज्य, उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के साधन भी विकसित होंगे और लोगों को अपने गांव-कस्बे में ही आय का जरिया मिलेगा। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिहाज से भी यह एक्सप्रेसवे मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल प्रदेश के 12 जनपदों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस वे से उद्यमियों को भारी लाभ मिलेगा।
औद्योगिक कॉरिडोर बनेगा
यह एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में भी बेहद सफल होगा। प्रयागराज में बनने वाला उत्पाद आसानी से राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों तक पहुंच सकेगा। इसके अलावा स्थानीय रोजगार तथा विकास को बल देने के लिए सरकार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, शिक्षण संस्थान और मेडिकल संस्थानों की स्थापना के लिए विकल्प उपलब्ध कराएगी। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए प्रसंस्करण इकाई, भंडार गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। राज्य सरकार एक्सप्रेसवे से जुड़े क्षेत्रों में व्यवसाय को बढ़ावा देगी। बताते चलें कि गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 5,100 करोड़ रुपये का ऋण पहले ही मिल चुका है।