कौन जीतेगा यूपी : पुरकाजी सीट पर अल्पसंख्यक और दलित वोटरों का गठजोड़ भाजपा के लिए सिरदर्द, VIDEO

Tricity Today | ग्राउंड रिपोर्टिंग



कौन जीतेगा यूपी! हमारा यह कारवां मुजफ्फरनगर जिले की पुरकाजी असेंबली कांस्टीट्यूएंसी तक पहुंच गया है। यह विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है और फिलहाल यहां भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। आपको एक खास जानकारी और दे दें, इस सीट का जिला तो मुजफ्फरनगर है लेकिन लोकसभा क्षेत्र बिजनौर है। यह सीट भी परिसीमन आयोग की सिफारिशों के चलते वर्ष 2008 में अस्तित्व में आई। यहां वर्ष 2012 में पहली बार चुनाव करवाया गया। जिसमें बहुजन समाज पार्टी ने कामयाबी हासिल की। पिछले यानी वर्ष 2017 के चुनाव में यह सीट भारतीय जनता पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से छीन ली थी। अभी भाजपा के प्रमोद उटवाल यहां से विधायक हैं।



पिछले चुनाव में यहां 3,13,368 वोटर थे। इनमें से 2,04,319 यानी 65.08 फ़ीसदी मतदाताओं ने वोटिंग की थी। भाजपा के उम्मीदवार प्रमोद उटवाल को 77,491 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर यहां कांग्रेस के दीपक कुमार रहे थे। दीपक को 66,238 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के अनिल कुमार रहे और उन्हें 40,401 वोट मिले थे। इस तरह आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने करीब 11,000 वोटों से यह मुकाबला जीता था। कुल मिलाकर भाजपा विरोधी मतों में अच्छा खासा विभाजन हुआ था।

अब अगर आने वाले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस बार अल्पसंख्यक मतों में विभाजन होता नजर नहीं आ रहा है। मुस्लिम वोटर पूरी तरह समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन के साथ खड़ा नजर आता है। इस विधानसभा सीट पर अल्पसंख्यक, दलित, जाट और गुर्जर मतदाताओं का वर्चस्व है। ब्राह्मण, त्यागी, वैश्य, सैनी और अन्य पिछड़ा वर्ग की कई दूसरी बिरादरियों के मतदाता भी हैं। खास बात यह है कि मौजूदा विधायक प्रमोद उटवाल से उनके सजातीय मतदाता भी खुश नहीं हैं। भाजपा के कट्टर समर्थक वोटर भी उम्मीदवार बदलने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर सम्भावना है कि कांग्रेस से दीपक कुमार और बहुजन समाज पार्टी से अनिल कुमार ही मैदान में उतरेंगे। समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन का उम्मीदवार अभी तय नहीं है।

पिछले दिनों मुजफ्फरनगर जिले की राजनीति में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। मसलन, पूर्व सांसद कादिर राणा एक बार फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। दूसरी ओर पूर्व राज्यसभा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक और उनके पूर्व विधायक पुत्र पंकज मलिक भी सपा में आ चुके हैं। ऐसे में सपा को लेकर माहौल बदलता नजर आ रहा है। इन बदलावों का असर पुरकाजी सीट पर भी देखने के लिए मिलेगा।

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