Google Image | सीबीआई ने यूपी के एक और आईएएस अधिकारी पर शिकंजा कसा है
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के एक और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पर शिकंजा कस दिया है। आरोपी सत्येंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई ने कौशाम्बी में खनिजों के अवैध खनन के लिए पट्टे देने के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अधिकारी पर मामला दर्ज किया है। अधिकारी पर आरोप है कि 2012-14 के दौरान जिला मजिस्ट्रेट रहते हुए उन्होंने धांधली की थी। इस सिलसिले में मंगलवार को सत्येंद्र सिंह के आवासीय परिसर सहित नौ जगहों पर तलाशी और छापेमारी की गई।
सीबीआई को तलाशी के दौरान अधिकारी और उनके रिश्तेदारों के नाम पर लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद तथा नई दिल्ली में कई करोड़ की 44 संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं। सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि, "तात्कालीन जिला मजिस्ट्रेट के परिसर में तलाशी के दौरान करीब 10 लाख रुपये की नगदी मिली है। छापेमारी में अधिकारी और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और नई दिल्ली में 44 अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनके अलावा 36 बैंक खातों में करीब 51 लाख रुपये की सावधि जमा राशि और छह लॉकरों की चाबियां मिलीं हैं। अधिकारी के बैंक लॉकरों में करीब 2.11 करोड़ रुपये के गहने तथा करीब एक लाख रुपये के पुराने नोट भी मिले।"
प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारी पर गंभीर आरोप लगा है। दरअसल 2012-14 के दौरान यूपी के कौशाम्बी जिले में जिला मजिस्ट्रेट रहते हुए सत्येंद्र सिंह ने दो नए पट्टे प्रदान किए थे। उन्होंने अन्य आरोपियों से रिश्वत लेकर 9 मौजूदा पट्टों का नवीनीकरण किया था। ताकि 31 मई, 2012 को जारी उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशों में उल्लिखित ई-निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना खनिजों का अवैध खनन किया जा सके। दरअसल योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान अवैध खनन के मामलों की जांच करा रही है। सत्येंद्र सिंह पर इसी मामले में तलवार लटक रही थी। पिछली सरकार में अवैध खनन से जुड़े मामलों की जांच इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीबीआई को सौंप दी थी। इसमें एजेंसी ने राज्य के एक पूर्व मंत्री पर भी मामला दर्ज किया है।