Lucknow: सीएम योगी का कांग्रेस पर तंज, बोले- 'यूपी और अमेठी के लोगों को कौन अपमानित कर रहा'

Tricity Today | UP CM Yogi Adityanath



Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को भारत की प्रगति अच्छी नहीं लगती। उत्तर प्रदेश ने जिनको कई बार सांसद बनाया, आज वह केरल में यूपी के लोगों की खिल्ली उड़ा रहे हैं। बांटने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि यूपी और अमेठी के लोगों को कौन अपमानित कर रहा है? कैसी तस्वीर प्रस्तुत की जा रही है उत्तर प्रदेश के बारे में? यह विभाजनकारी राजनीति है। 

यह बातें उन्होंने बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहीं। उन्होंने सपा, बसपा और कांग्रेस के नेताओं को जमकर लताड़ा। अपने करीब ढाई घंटे के भाषण में किसानों, कोरोना मैनेजमेंट, कानून व्यवस्था, निवेश, एयर कनेक्टिविटी और धार्मिक पर्यटन सहित अन्य कई बिंदुओं पर सिलसिलेवार आंकड़ों सहित अपनी बात रखी। उन्होंने सदन में सदस्यों के लाल और पीली टोपी पहनने पर कहा कि ऐसा लगता है कि जैसे ड्रामा कंपनी है। 

उन्होंने एक कार्यक्रम में अन्नप्राशन के दौरान एक बच्चे का उदाहरण देते हुए कहा कि वह टोपी देखते ही बोला, मम्मी देखो गुंडे आ गए। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की चुटकी लेते हुए कहा कि वह आदमी अच्छे हैं, पर पार्टी गलत है। इसके कारण वह अक्सर भटक जाते हैं। उन्होंने कोराना काल में सरकार की ओर से किए गए प्रयासों को विस्तार से बताया। कोरोना से जंग में मिली जीत का श्रेय टीम वर्क को दिया। साथ ही इस बारे में घोटाले की बात को भी पाप बताया।

कांग्रेस ने क्यों नहीं दिया बस
योगी ने कहा कि कोरोना काल में भी उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ मजाक हुआ था। हमसे कहा गया था कि हम एक हजार बसें देंगे। ऐसे समय में कांग्रेस की महासचिव का पत्र आया कि जो मजदूर आ रहे हैं, उन्हें लाने के लिए हम बस देना चाहते हैं। जांच में पता चला कि जिसमें लिखा था बस, वह स्कूटर निकला। डबल डेकर बस जांच में थ्री व्हीलर निकली और जांच कराई तो आधे वाहन ऐसे निकले, जो स्क्रैप में जा चुके थे। यह यूपी के लोगों के साथ मजाक नहीं तो क्या है? कोरोना काल में भी हम गंभीरता नहीं बरत सकते। हर चीज में राजनीति नहीं होती। अगर सचमुच कांग्रेस सरकार राजस्थान की बस देना चाहती थी, तो कोटा में बच्चों को लाने के लिए बस क्यों नहीं दी। उस समय क्यों असमर्थता जताई। यह महामारी के खिलाफ रोड़े अटकाने जैसा था।

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