मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के निवासियों को 22 फरवरी को मुफ्त कोरोना वायरस वैक्सीन का तोहफा दे सकते हैं। पहले भी इसके संकेत मिल चुके हैं। अब राज्य सरकार बजट में इसके लिए अलग से प्रावधान बना सकती है। पूरी संभावना है कि बजट सत्र के दौरान इसकी घोषणा की जाएगी। उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला लिया जा चुका है। हालांकि केंद्र सरकार से इस अहम मसले पर दिशानिर्देश मिलने का इंतजार है। राज्य सरकार के अधिकारियों का मानना है कि अगले दो दिन में भारत सरकार इस संबंध में रुख स्पष्ट कर देगी। उसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार इसका ऐलान कर सकती है।
बताते चलें कि कोरोना वायरस की टेस्टिंग के मामले में यूपी देश का पहला राज्य है। गुरुवार तक के आंकड़ों के मुताबिक सूबे में कुल 3,00,37,025 सैंपल की जांच कर ली गई है। यह पूरे देश में सबसे ज्यादा टेस्टिंग का रिकॉर्ड है। राज्य के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूपी ने तीन करोड़ से ज्यादा सैम्पल टेस्टिंग कर कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कुल 1,20,384 नमूनों की जांच की गई है। इसी दौरान कोरोना संक्रमण के 81 नए मामले सामने आए हैं।
टेस्टिंग में बनाया रिकॉर्ड
सूबे में फिलहाल संक्रमण के 2,587 एक्टिव केस हैं। इनमें से 692 संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल में 211 मरीजों का इलाज चल रहा है। शेष संक्रमित एल-2 तथा एल-3 के सरकारी अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं। अधिराकी ने बताया कि राज्य में कोविड-19 का रिकवरी रेट 98.12 फीसदी से ज्यादा है। पिछले 24 घंटे में 181 तथा अब तक कुल 5,91,194 संक्रमित कोविड-19 से ठीक होकर घर जा चुके हैं। सूबे में कुल 3,00,37,025 सैंपल की जांच कर ली गई है।
सबसे ज्यादा टीकाकरण में पहला राज्य
मुख्य सचिव ने बताया कि गुरुवार, 18 फरवरी को फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की खुराक दी गई है। छूटे हुए स्वास्थ्य कर्मियों को शुक्रवार 19 फरवरी को वैक्सीन का डोज दिया जाएगा। इस सभी को दूसरा मौका दिया जा रहा है। 22 फरवरी को भी फ्रंट लाइन वॉरियर्स को वैक्सीन लगाया जाएगा। उत्तर प्रदेश टीकाकरण के मामले में भी देश का पहला राज्य बन गया है। अब तक सूबे में करीब 10 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन दी गई है।
ऐप से पता करें केंद्र
राज्य सरकार ने कोविड-19 टेस्टिंग तक पहुंच को सुलभ बनाने के लिए ‘मेरा कोविड केन्द्र’ ऐप के इस्तेमाल का सुझवा दिया है। इसके माध्यम से उपयोगकर्ता पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित कोविड-19 जांच केन्द्र की जानकारी हासिल कर सकेंगे। लोग परीक्षण जांच का परिणाम डीजी एमएचयूपी वेबसाइट पर स्मार्ट फोन के माध्यम से देख सकते हैं।