Uttar Pradesh : विधायक विनय शंकर तिवारी और पूर्व सांसद कुशल तिवारी को बसपा ने पार्टी से निकाला, सपा में जाने के लगाए जा रहें कयास

Google Image | विधायक विनय शंकर तिवारी और पूर्व सांसद कुशल तिवारी



लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठा पटक चल रही है। इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सोमवार को गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से पार्टी विधायक विनय शंकर तिवारी तथा उनके बड़े भाई एवं संतकबीर नगर से पूर्व सांसद कुशल तिवारी और पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय को भी बसपा ने अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्काषित कर दिया है। बता दें कि पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचण्ड जीत हासिल की थी। वहीं कुशल तिवारी संत कबीर नगर से दो बार सांसद रहे हैं। 

अनुशासनहीनता के चलते किया गया निष्कासित
बसपा के गोरखपुर मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी सुधीर कुमार भारती ने बताया कि चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से पार्टी विधायक विनय शंकर तिवारी, उनके भाई व पूर्व सांसद कुशल तिवारी व इनके रिश्तेदार गणेश शंकर पांडेय को पार्टी में अनुशासनहीनता और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ उचित व्यवहार नहीं करने को लेकर बहुजन समाज पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्काषित किया जाता है। बताया जा रहा है कि विनय शंकर तिवारी ने हाल ही में लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद से राजनीतिक गलियारे में चर्चा होने लगे कि तिवारी का कुनबा सपा में शामिल हो सकता है।

भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी को हराकर बसपा को दिलाई जीत 
\गोरखपुर के टाड़ा गांव निवासी पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी ने बसपा के टिकट पर साल 2007 के उप चुनाव में संतकबीरनगर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। 2009 के आम चुनाव में भी उनको बसपा के टिकट पर यहां से जीत मिली थी। लेकिन 2014 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस बार चुनाव से पहले बसपा ने उन्हें लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया था। जबकि विनय शंकर तिवारी ने  2017 के विधानसभा चुनाव में चिल्लूपार सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी को हराकर बसपा को जीत दिलाई थी।

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