Uttar Pradesh : वर्ष 2017 से अब तक 12 हजार से ज्यादा मुठभेड़, 207 बदमाश ढेर और 17 पुलिसकर्मी हुए शहीद

Google Image | डीजीपी प्रशांत कुमार



Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में पिछले सात वर्षों में अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई के दौरान 12,964 मुठभेड़ें दर्ज की गईं। इन मुठभेड़ों में 207 अपराधियों को ढेर किया गया और इस दौरान 17 पुलिसकर्मियों ने भी शहादत दी। बीते 20 मार्च 2017 से 5 सितंबर 2024 के बीच हुई मुठभेड़ों में हर 13वें दिन औसतन एक सूचीबद्ध अपराधी को मार गिराया गया। इन अपराधियों पर 75,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का नकद इनाम रखा गया था।

मेरठ जोन में सबसे अधिक मुठभेड़, 66 अपराधी मारे गए
उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि राज्य में मुठभेड़ों के दौरान सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया गया है। वर्ष 2017 के बाद से एक भी मुठभेड़ सुप्रीम कोर्ट की जांच के दायरे में नहीं आई है। सबसे अधिक मुठभेड़ें मेरठ जोन में हुईं। जहां 3,723 मुठभेड़ों के दौरान 66 अपराधी मारे गए और 7,017 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। पूरे राज्य में 27,117 अपराधियों को मुठभेड़ों के बाद गिरफ्तार किया गया। इसमें 1,601 अपराधी घायल हुए।

पुलिसकर्मियों की शहादत
अपराधियों के खिलाफ इस अभियान में 17 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इसके अलावा 1,601 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए। पिछले सात वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने बड़े इनामी अपराधियों को निशाना बनाया। इनमें दो अपराधी पर पांच लाख रुपये का इनाम था। जो मुठभेड़ों में मारे गए। इसके अलावा 2.5 लाख रुपये के चार अपराधी, दो लाख रुपये के दो अपराधी, 1.5 लाख रुपये के छह अपराधी और एक लाख रुपये के 27 अपराधियों को भी पुलिस ने ढेर कर दिया।

माफियाओं के खिलाफ सख्त एक्शन
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि राज्य में अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बड़े पैमाने पर अभियान चलाए गए हैं। खासतौर पर गैंगस्टरों और माफियाओं पर कार्रवाई तेज की गई है। इसी क्रम में चित्रकूट में कुख्यात डकैत उदय भान यादव उर्फ गौरी यादव को मुठभेड़ में मार गिराया गया, जो मध्य प्रदेश तक आतंक का साम्राज्य फैलाए हुए था। उस पर पांच लाख रुपये का इनाम था और उसके खिलाफ करीब 50 मामले दर्ज थे।  जिनमें अधिकतर डकैती और हत्या के प्रयास से जुड़े थे।

न्यायिक जांच से दूर रही मुठभेड़ें
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों पर की गई ये कार्रवाई कानूनी प्रक्रियाओं और मानकों के तहत रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मुठभेड़ों को अंजाम दिया गया, जिससे अब तक कोई भी मुठभेड़ न्यायिक जांच के घेरे में नहीं आई है।

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