Lucknow : उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी ने अपने बयान में कई राज खोले हैं। अब्बासी ने बताया कि उनकी नफरत मुसलमानों के खिलाफ अत्याचारों से पैदा हुई है। उसने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम भी गलत था। कबूलनामे के अनुसार, वह गोरखनाथ मंदिर गया था क्योंकि वहां हमेशा पुलिस तैनात रहती है और वह उन पर हमला करने के बाद वहां से निकलना चाहता था। उसने कहा मैंने अपराध करने से पहले विभिन्न कोणों से अधिनियम के बारे में सोचा। बता दें कि बीते 3 अप्रैल को मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर में हमला करते हुए तीन जवानों को घायल कर दिया था।
इस लिए रातों को सो नहीं पाता था मुर्तजा
मुसलमानों के खिलाफ सीएए और एनआरसी लागू कर रहे थे। कर्नाटक में भी मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा था। इस मामले में कोई कुछ नहीं कर रहा था। किसी को कुछ करना चाहिए था। इस तरह मैंने अपने मन में इस कृत्य को उचित ठहराया। उसने कहा, मैं उदास था और सो नहीं पा रहा था। पुलिस ने कहा कि कबूलनामे ने संकेत दिया कि अब्बासी को इस हद तक कट्टरपंथी बना दिया गया था कि वह इस तरह के अपराध करने के लिए मरने के लिए भी तैयार था।
लैपटॉप से हुआ बड़ा खुलासा
एटीएस लगातार मुर्तजा से पूछताछ कर रही है। उसके कनेक्शन को तलाशा जा रहा है। उसके लैपटॉप की जांच में उसके गुरु का खुलासा हुआ है। लैपटॉप में सीरिया और आईएसआईएस से संबंधित वीडियो भी पाए गए हैं। जांच एजेंसियों ने उसके गुरु के बारे में जानकारी दी है। उनका दावा है कि मुर्तजा यमन अमेरिकी इमाम अनवर अल हालाकी को अपना गुरु मानता है। पूछताछ में यह भी साफ हुआ है कि वह खतरनाक मंसूबों के साथ गोरखनाथ मंदिर के गेट पर पहुंचा था। तमाम बिंदुओं पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
अवनीश अवस्थी ने जताई थी आतंकी घटना की आशंका
मुख्य सचिव गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा था कि इसे आतंकी घटना कहा जा सकता है। इतना ही नहीं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि शाम लगभग सात बजे एक व्यक्ति मंदिर के गेट नंबर एक पर धारदार हथियार से हमला किया और धार्मिक नारे लगाए। धार्मिक स्थलों पर पहले से हमले का अलर्ट था। पुलिस की सतर्कता से हादसा टला है लेकिन दो जवानों को गंभीर चोटें आईं। इस हमले को लेकर जरूर कोई बड़ी साजिश रची गई थी।
सीएम ने गंभीरता से जांच करने के दिए थे आदेश
अवनीश अवस्थी ने कहा था कि गोरखनाथ मंदिर में पुलिस के जवानों पर जो हमला हुआ है वह साजिश का हिस्सा है। इसको आतंकी घटना कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना की जांच यूपी एटीएस को दी गई है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि यूपी एटीएस और यूपी एसटीएफ एक साथ काम करेंगे। जिन तीन जवानों ने घटना को विफल किया, गोपाल गौड़, अनिल पासवान और अनुराग राजपूत को 5 लाख रुपए नकद इनाम देने की घोषणा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि इसके लैपटॉप-मोबाइल में जो भी जानकारी मिली है उसकी गंभीरता से जांच की जाए।