खास खबर : कौन बनेगा यूपी का नया डीजीपी, जोड़-तोड़ शुरू

Google Image | डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं



Lucknow News : यूपी के नए डीजीपी को लेकर अभी से कयास लगाए जाने लगे हैं। इसकी प्रक्रिया भी अब शुरू हो गई है और डीजी स्तर के सभी अधिकारियों के बायोडाटा पुलिस मुख्यालय में मंगा लिए गए हैं। इन बायोडाटा को केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजा जाएगा। फिर वहां से इन नामों को यूपीएससी भेजा जाएगा। यूपीएससी उनमें से तीन नाम चुनकर देगा। तब तीन में से नये डीजीपी का नाम फाइनल होगा। 

दरअसल, डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सरकार उन्हें विस्तार देगी  या प्रदेश को नया डीजीपी मिलेगा, इसको लेकर पुलिस मुख्यालय से सत्ता के गलियारों तक संभावित लोगों ने दौड़ लगानी शुरू कर दी है। अगले साल के शुरुआती महीने में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। फिलहाल हितेश चंद्र अवस्थी के बाद इस कुर्सी के 9 दावेदार हैं। लेकिन इनमें से कौन कुर्सी का हकदार बनेगा, इसका खुलासा 30 जून से पहले ही होगा। ऊहापोह में पड़े अफ़सरशाही के लोग शतरंज की तरह बाजी चलना शुरु कर चुके हैं। अब देखना यह है कि निर्णय का ऊंट किस करवट बैठता है। 

वरिष्ठता के लिहाज से नासिर कमाल सबसे ऊपर हैं
वरिष्ठता के लिहाज से दावेदारों की सूची में सबसे पहला नाम वर्ष 1986 बैच के आईपीएस अफसर नासिर कमाल का है। नासिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और वर्तमान में डीजी एलएनजेएन, एनआईसीएफएस के पद पर तैनात हैं। इनका रिटायरमेंट जुलाई 2022 में है। हालांकि चुनावी साल में डीजीपी की कुर्सी को लेकर यह सरकार की पसंद होंगे, इस पर संशय है। दावेदारों की सूची में दूसरा नाम वर्ष 1987 बैच के अफसर मुकुल गोयल का है। मुकुल गोयल भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और वर्तमान में एडीजी बीएसएफ के पद पर तैनात हैं। सपा सरकार में एडीजी एलओ के पद पर तैनात रहने के कारण मुकुल गोयल की दावेदारी उतनी मजबूत नही मानी जा रही है, जितनी होनी चाहिए। इनका रिटायरमेंट फरवरी 2024 में होना है। सपा सरकार से करीबी होना इनके लिए माइनस पॉइंट भी माना जा रहा है।

इन अफसरों की भी दावेदारी मजबूत
तीसरा नाम डीजी ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) और एसआईटी के पद पर तैनात वर्ष 1987 बैच के अफसर आरपी सिंह का है। आरपी सिंह इस कुर्सी के दावेदारों में से एक हैं। उनका फरवरी 2023 में रिटायरमेंट है। चौथा नाम वर्ष 1987 बैच के ही विश्वजीत महापात्रा का है। हाल ही में सीएम की नाराजगी के चलते इन्हें डीजी सीबी सीआईडी के पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। सरकार बनने के बाद इन्हें वीवीआईपी वाराणसी जोन का एडीजी बनाया गया था। लेकिन वर्तमान में सीएम की नाराजगी के चलते इनकी दावेदारी काफी कमजोर मानी जा रही है। जुलाई 2022 में इनका रिटायरमेंट है।

सरकार के चहेते हैं ये अधिकारी
पांचवां नाम इसी बैच के गोपाल लाल मीणा का है। वर्तमान में यह डीजी राज्य मानवाधिकार आयोग के पद पर तैनात हैं और जनवरी 2023 में इनका रिटायरमेंट है। इनकी भी डीजीपी के पद की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। मीना को इस सरकार में कई महत्वपूर्ण अवार्ड मिल चुके हैं। दावेदारों में छठे नंबर पर डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा का नाम है। वर्ष 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा का मई 2023 में रिटायरमेंट है। सरकार की जातीय समीकरण की राजनीति के लिहाज से इनकी दावेदारी टॉप 5 अफसरों में आती है। दावेदारों में सातवें नंबर पर इसी बैच के अफसर डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान हैं। वर्तमान में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं। इनका रिटायरमेंट मार्च 2023 में होना है। सरकार अगर वरिष्ठता को अनदेखा करती है तो टॉप फाइव दावेदारों में इनका भी नंबर है। 

आईपीएस आनंद अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे
आठवें नंबर पर वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल की दावेदारी है। वर्तमान में वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और मिनिस्ट्री आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में तैनात हैं। हाल ही में इनका सचिव स्तर पर केंद्र में इम्पैनलमेंट हुआ है। सपा सरकार में इनकी ही देखरेख में 112 यूपी प्रॉजेक्ट जमीन पर आया। लंबे समय तक वह एडीजी डायल 100 के पद पर रहे। अप्रैल 2023 में इनका रिटायरमेंट है। दावेदारों में आखिरी नंबर पर नाम है डीजी जेल आनंद कुमार का। वर्ष 1988 बैच के आईपीएस आनंद अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे। दावेदारों में सबसे ज्यादा समय इनके पास ही है। वर्तमान सरकार में वह लंबे समय तक एडीजी कानून एवं व्यवस्था के पद पर तैनात रहे। दावेदारों में टॉप फाइव में इनकी चर्चा है।

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