BIG NEWS: यूपी में प्रवक्ता पदों के लिए पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया, उपमुख्यमंत्री बोले- ‘पारदर्शी ढंग से होगी नियुक्ति’

Tricity Today | उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा



उत्तर प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में विभिन्न विषयों के रिक्त पदों पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज ने प्रवक्ता पदों के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया था। चयनित अभ्यर्थियों की तैनाती की प्रक्रिया को बेहतर एवं पारदर्शी बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने नियुक्ति प्रक्रिया को पहली बार ऑनलाइन किया गया है। यह पूर्णतया पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण है। उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस व्यवस्था में चयनित अभ्यर्थी स्वयं रिक्त महाविद्यालयों के विकल्प चुन सकते हैं। 

अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता क्रम में महाविद्यालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती मिलेगी। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने एनआईसी के सहयोग से सॉफ्टवेयर विकसित कराया है। इसमें अभ्यर्थी स्वयं ऑनलाइन माध्यम से विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई रिक्तियों के सापेक्ष विकल्प चुनेगा। उसके बाद एनआईसी अभ्यर्थियों के वरीयता क्रम (रैंक) के अनुसार महाविद्यालय का आवंटन ऑनलाइन करेगी। नियुक्ति पत्र भी ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे। इन्हें अभ्यर्थी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में किसी तरह का मानवीय हस्तक्षेप नहीं हो सकेगा। इससे किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रथम चरण में 14 विषयों मनोविज्ञान, शिक्षाशास्त्र, सैन्य विज्ञान-रक्षा अध्ययन, समाजशास्त्र, भूगोल, प्राचीन इतिहास, उर्दू, दर्शनशास्त्र, संस्कृत, संगीत (गायन), गणित, इतिहास, राजनीत शास्त्र, मानवशास्त्र की ऑनलाइन नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। अभ्यर्थी 17 जून तक अपने जानकारी देकर महाविद्यालय चुन सकेंगे। तथा 200 से अधिक इन अभ्यर्थियों की तैनाती 21 जून को वेबसाइट पर दिखाई देगी। उन्होंने बताया कि अन्य 9 विषयों अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी, रसायन विज्ञान, बीएड, भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, वाणिज्य, गृह विज्ञान में प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। 

जल्द ही लोक सेवा आयोग, प्रयागराज इन विषयों की काउंसलिंग शुरू कराएगा। अभ्यर्थियों के तैनाती आदेश जून महीने के अंत तक जारी किए जाएंगे। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार भर्ती एवं नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बना रही है। सरकार डिजिटाइजेशन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए नई नीतियां लागू की जा रही हैं। उच्च शिक्षा विभाग का यह एक सार्थक कदम है।

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