Delhi|Meerut : महत्वाकांक्षी रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना कई शहरों में लोगों के जीवन को बदल देगी, रैपिड रेल चलने के बाद यात्रा और सफर दोनों आरामदायक हो जाएगी। हाई-स्पीड रेल दिल्ली से मेरठ तक 82 किलोमीटर का सफर को केवल 55 मिनट में पहुंचा देगा। फिलहाल वर्तमान में दिल्ली से मेरठ सड़क मार्ग से जाने में 3 से 4 घंटे का समय लगता है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद लाखों लोगों को काफी राहत मिलेगी। बता दें, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजना को लागू कर रहा है।
मंत्री ने संसद में दिया जवाब
आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री कौशल किशोर ने संसद में RRTS को लेकर हुए सवाल के जवाब में कहा कि 30 नवंबर तक इस प्रोजेक्ट पर 11,440 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार समेत एशियन डेवलपमेंट बैंक, न्यू डेवलपमेंट बैंक और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक द्वारा फंड किया जा रहा है। पहले चरण की शुरुआत मार्च 2023 से होने वाली है।
मुख्य लाइन पर परीक्षण
यह परियोजना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। परियोजना का प्राथमिकता खंड, जो 17 किलोमीटर लंबा होगा। साथ ही दुहाई से साहिबाबाद तक जुड़ जाएगा। इसमें गाजियाबाद समेत चार स्टेशन होंगे। विभिन्न परीक्षण प्रगति पर हैं और अनुभाग निर्धारित समय पर चल रही है। प्राथमिकता खंड के लिए मुख्य लाइन पर परीक्षण दिसंबर में शुरू होगा। इस खंड में चार स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई होंगे। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने पिछले महीने कहा था कि इस खंड के मार्च 2023 तक चालू होने की उम्मीद है।
परियोजना का विवरण पूरा होने की समय सीमा : पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस को 2025 तक खोलने का लक्ष्य है। क्षमता : कॉरिडोर में रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों और बस स्टैंडों तक अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुविधाएं होंगी। इसके चालू होने के बाद प्रतिदिन लगभग 8 लाख यात्रियों को संभालने की उम्मीद है। प्लेटफार्मों का विवरण : छह कोचों को पूरा करने के लिए, कॉरिडोर के प्लेटफार्मों में 15 मानक वर्ग और 2 प्रीमियम वर्ग प्रविष्टियों को पूरा करने के लिए 17 दरवाजे होंगे। प्लेटफॉर्म पर भी उतने ही स्क्रीन डोर होंगे।
स्टेशन का विवरण : आरआरटीएस पर कुल 25 स्टेशन होंगे जिनमें दिल्ली सराय काले खां और गाजियाबाद स्टेशनों पर पांच प्रवेश और निकास बिंदु होंगे। सभी स्टेशनों में कम से कम दो प्रवेश और निकास बिंदु होंगे। परियोजना लागत : परियोजना के लिए कुल 30,274 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। सरकार के नवीनतम अद्यतन के अनुसार, 30 नवंबर तक कुल 11,440 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। फंडिंग केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार, एशियन डेवलपमेंट बैंक, न्यू डेवलपमेंट बैंक और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक कर रही है।