Prayagaraj|Lucknow : बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या में शामिल शूटर गुलाम की लोकेशन बिहार में मिली है। यूपी पुलिस के साथ-साथ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम बिहार में जगह-जगह दबिश दे रही है। कुछ पुलिस के जवान बिहार और नेपाल बॉर्डर पर भी निगरानी बनाए हुए हैं। इसके साथ ही शूटरों के कई करीबियों को उठाकर पूछताछ की जा रही है। इस हत्याकांड को अंजाम 24 फरवरी को दिया गया था।
पुलिस को मिले पुख्ता सबूत
पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में दुकान के भीतर ग्राहक बनकर जो शख्स पहुंचा था, उसकी पहचान गुलाम के रूप में ही हुई है। गुलाम ने उमेश पाल और उसके सरकारी गनर पर कई फायर किए थे। इस वारदात के बाद वह फरार चल रहा है। उसके कई करीबियों को पुलिस उठाकर पूछताछ की। जिसमें पुलिस को पुख्ता सबूत मिले हैं। पुलिस को पता चला कि गुलाम का बिहार के एक माफिया से भी कनेक्शन है, जिसकी शरण में वह जा सकता है। इस एंगल पर पुलिस ने छानबीन की तो उसकी लोकेशन ट्रेस हो गई। अतीक गैंग का गुलाम एक्टिव सदस्य है।
गुड्डू मुस्लिम की सही लोकेशन!
दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने वाले अपराधियों को पकड़ने की कोशिश लगातार चल रही है। वहीं, असद और गुड्डू मुस्लिम की सही लोकेशन ट्रेस नहीं हो रही है। हत्याकांड से जुड़े एक सीसीटीवी फुटेज में गुड्डू मुस्लिम बम फेंकते कैद हुआ था। अतीक से पहले उत्तर प्रदेश के दूसरे माफिया गुडों के साथ रह चुके गुड्डू की खासियत है कि वह गोली नहीं, बम मारकर ही हत्या की वारदातों को अंजाम देता है। शूटर साबिर का भी सही पता ठिकाना खोजने में पुलिस फेल साबित हो रही है। वहीं दूसरी तरफ अब तक पुलिस ने दो आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया है।
क्या है उमेश पाल हत्याकांड
आपको बता दें कि वर्ष 2005 में बसपा के विधायक राजू पाल की हत्या हो गई थी। इस मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह बना था। बीते 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल और उसके गनर की दिनदहाड़े गोली से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिए 10 टीमों का गठन किया गया है। जांच में पता चला है कि उमेश पाल हत्याकांड की साजिश गुजरात की साबरमती जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद ने रची थी।