ग्रेटर नोएडा : ओप्पो मोबाइल कम्पनी के निर्माणाधीन परिसर में हड़ताल, कई महीने से वेतन नहीं मिला तो सैकड़ों कर्मचारी धरने पर बैठे

Google Image | OPPO Mobile



ग्रेटर नोएडा की चाइनीस मोबाइल निर्माता कंपनी ओप्पो (OPPO Mobile) के निर्माणाधीन परिसर में कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है। सैकड़ों कर्मचारी कंपनी परिसर में धरना देकर बैठे हुए हैं। जानकारी मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अन्नू पंडित और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे हैं। कर्मचारियों से बात की जा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी अमानवीय व्यवहार कर रही है। श्रम कानूनों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। कई महीनों से उन्हें वेतन नहीं दिया गया है।

अन्नू पंडित ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में ओप्पो मोबाइल कंपनी के परिसर का निर्माण किया जा रहा है। यहां कंपनी का कंस्ट्रक्शन किसी चाइनीस कॉरपोरेशन को ही दिया गया है। यह कंपनी भारतीय श्रम कानूनों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है। कोरोना महामारी के बीच जान की बाजी लगाकर सैकड़ों श्रमिक निर्माण कार्य में जुटे हैं। कंपनी इनका समय पर भुगतान नहीं कर रही है। श्रमिकों ने बताया है कि कई महीने वेतन नहीं दिया जाता है। मूलभूत सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जाता है। चीनी कंपनी पहले किसी दूसरी चीनी कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी देती है।

अन्नू पंडित ने कहा, उसके बाद दूसरी चीनी कंपनी किसी भारतीय कंपनी को निर्माण का जिम्मा देती है। इस तरह प्रोजेक्ट की आधी कीमत कमीशनखोरी में ही चली जाती है। जिसका नुकसान गरीब मजदूरों को उठाना पड़ रहा है। ऊपर से जानबूझकर वेतन के भुगतान में देरी की जाती है ताकि मजदूरों को बंधक बनाकर रखा जा सके। यह भारतीय श्रम कानूनों का बड़ा उल्लंघन है। अन्नू पंडित ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भेजा है। इसमें लिखा गया है कि कंपनी में कार्यरत चीनी नागरिकों का वीजा समाप्त हो गया है। उसके बावजूद यह लोग यहां अवैध रूप से रह रहे हैं। इसके अलावा और कई तरह की अवैधानिक गतिविधियां यहां संचालित हो रही हैं।

अन्नू पंडित ने डीएम को कहा है कि इन सारे प्रकरणों की जांच करवाई जाए। श्रमिकों के साथ न्याय होना चाहिए। अगर चाइनीस कंपनी पर कार्रवाई नहीं की गई तो भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेगा। जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल भी की जाएगी। दूसरी ओर इस संबंध में ओप्पो कंपनी के मैनेजमेंट और कंस्ट्रक्शन कंपनी मैनेजमेंट से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका है।

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