Rajya Sabha Election : सुरेंद्र नागर, मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल समेत 57 चेहरों को लड़ना पड़ेगा चुनाव, 15 राज्यों की 57 सीटों पर 10 जून को होंगे चुनाव

Tricity Today | सुरेंद्र, मुख्तार, निर्मला और पीयूष



Uttar Pradesh News : गौतमबुद्ध नगर के पूर्व लोकसभा सांसद और राज्यसभा के मौजूदा उपसभापति सुरेंद्र सिंह नागर को एक बार फिर राज्यसभा चुनाव लड़ना पड़ेगा। दरअसल, देश के 15 राज्यों में 57 राज्यसभा सीटों के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है। इनमें सुरेंद्र सिंह नागर का कार्यकाल भी पूरा होने वाला है। इन सीटों पर 10 जून को मतदान करवाया जाएगा। चुनाव आयोग के मुताबिक 21 जून 2022 से 01 अगस्त 2022 के बीच कई सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इससे पहले 31 मार्च को 6 राज्यों की 13 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव करवाया जा चुका है। असम में 2 सीट, हिमाचल प्रदेश में 1, केरल में 3, नागालैंड में 1, त्रिपुरा में 1 और पंजाब में 5 सीटों के लिए चुनाव हुए थे।

आयोग ने बताया 31 मई तक नामांकन करवाया जाएगा
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक चुनाव की अधिसूचना 24 मई को जारी होगी। सभी उम्मीदवार 31 मई तक नामांकन कर सकेंगे। इसके बाद 1 जून को नामांकनों की जांच की जाएगी। उम्मीदवार 3 जून तक अपना नामांकन वापस ले पाएंगे। सभी 15 राज्यों में एक साथ 10 जून को मतदान करवाया जाएगा। मतदान सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। राज्यों की विधानसभा में मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। मतगणना उसी दिन शाम 5 बजे शुरू हो जाएगी। मतगणना पूरी करने के बाद हाथोंहाथ परिणाम घोषित होंगे।

इन बड़े चेहरों का खत्म हो रहा कार्यकाल
जिन 57 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, गोपाल नारायण सिंह, लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती, दिवंगत दिग्गज नेता शरद यादव, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे रेवती रमन सिंह, सुखराम सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, भारतीय जनता पार्टी के संजय सेठ, राज्यसभा के उपसभापति सुरेंद्र सिंह नागर, पूर्व केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी, पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम, पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल, शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेश के थिंक टैंक और पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज मंत्री जयराम रमेश, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और दिवंगत नेता ऑस्कर फर्नांडीस के नाम प्रमुख हैं।

इन 15 राज्यों में खाली पर हो रही हैं सीटें
  1. हरियाणा
  2. उत्तर प्रदेश
  3. झारखंड
  4. बिहार
  5. उत्तराखंड
  6. राजस्थान
  7. पंजाब
  8. महाराष्ट्र
  9. ओडिशा
  10. कर्नाटक
  11. तमिलनाडु
  12. आंध्रप्रदेश
  13. तेलंगाना
  14. छत्तीसगढ़
  15. मध्य प्रदेश
हर दो साल में एक तिहाई सीटों पर होता है चुनाव
संविधान के मुताबिक, राज्यसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित है। जिसमें 238 सदस्यों के लिए चुनाव का प्रावधान है, जबकि 12 सदस्य राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त किए जाते हैं। हर दो साल में से एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल खत्म होता रहता है। जिसके बाद उनकी सीटों के लिए नए सिरे से चुनाव होता है। इसका मतलब है कि प्रत्येक दो साल पर राज्यसभा के एक तिहाई सदस्य बदलते हैं। देश की आजादी से लेकर अब तक यह स्थाई सदन है। राज्यसभा का लोकसभा की तरह अवसान या भंग नहीं किया जाता है।

राज्यसभा सांसदों के लिए अलग चुनाव प्रक्रिया
राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया लोकसभा और विधानसभा चुनाव से अलग है। राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल 6 साल होता है। लोकसभा चुनाव में आम आदमी वोट करते हैं, लेकिन राज्यसभा चुनाव के लिए आम आदमी वोट नहीं कर सकता है। इसके लिए जनता द्वारा चुने गए जन प्रतिनिधि यानी विधायक इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं। देश के प्रत्येक राज्य में मतदाताओं की संख्या, जनसंख्या और विधानसभा में सदस्यों की संख्या के आधार पर राज्यसभा में प्रतिनिधित्व निर्धारित किया गया है।

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