Moradabad : झोलाछाप के इलाज से मृत्यु होने के मामले अक्सर आते हैं। लेकिन, झोलाछाप की हैवानियत का ऐसा मामला शायद ही कभी सुना होगा। पुलिस अकादमी के ग्रास कटर मनोज की मृत्यु होने के बाद उसका शव बाइक से जिस तरह ले जाया गया, वह तरीका रोंगटे खड़े करने वाला है। अपने साथी की मदद से झोलाछाप शव को बाइक से ले गया। रास्तेभर उसके पैर घिसटते रहे। पैरों के नाखून रगड़ने से उखड़ गए। अंगुलियों की खाल भी उधड़ गई। दोनों ग्रास कटर के शव को उसकी मौसी के घर के बाहर शव फेंक आए।
इलाज के लिए मौसी के घर आया था मनोज
ग्रास कटर मनोज सिंह कुछ दिनों से बुखार से पीड़ित था। वह इलाज के लिए अपनी मौसी के घर आ गया। वहां उसे समीर नाम के झोलाछाप को बुलाकर दिखाया गया। झोलाछाप ने अपने घर में ही कथित क्लीनिक बना रखी है। स्वजन के मुताबिक, झोलाछाप भर्ती करने के लिए मनोज को अपने घर ले गया। मनोज के मौसा और मौसी भी साथ थे। बीती रात मनोज की मृत्यु हो गई, लेकिन झोलाछाप ने तीमारदारों को बताया कि उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। वह दूसरे अस्पताल ले जा रहा है। इसके बाद झोलाछाप ने अपने एक साथी की मदद से मनोज को बाइक पर बीच में बैठाया और मौसी की घर के बाहर फेंकने के बाद दोनों फरार हो गए।
परिजनों ने किया हंगामा
घर के बाहर स्वजन ने जब मनोज को देखा तो उसे एक अस्पताल ले गए और झोलाछाप के घर (क्लीनिक) पर मौजूद अपने स्वजन को बुलाया। रास्ते में देखा तो पैर घिसटने के निशान बने थे। मनोज के पंजों के नाखून गायब थे। स्वजनों के हंगामा करने पर पुलिस भी निजी अस्पताल पहुंच गई। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। थाना प्रभारी विप्लव शर्मा ने बताया कि तहरीर मिलने पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। मनोज के स्वजन ने बताया कि उसकी शादी तय हो चुकी थी। सगाई हो गई थी। नवंबर में शादी होनी थी।