UP Rajya Sabha Election : सुरेंद्र नागर, लक्ष्मीकांत वाजपेयी और जयंत चौधरी समेत ये 11 नेता निर्विरोध चुनाव जीते

Tricity Today | लक्ष्मीकांत वाजपेयी, जयंत चौधरी और सुरेंद्र नागर



UP Rajya Sabha Election 2021 : राज्यसभा के लिए द्विवार्षिक चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 11 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध रूप से जीत गए हैं। इनमें 8 प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी और 3 समाजवादी पार्टी के हैं। मुख्य रूप से राज्यसभा के उपसभापति सुरेंद्र सिंह नागर, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी शामिल हैं। यह तीनों नेता पश्चिम उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 8 सीटों पर राज्यसभा चुनाव चल रहा है। जिसके लिए 10 जून को मतदान होना था, लेकिन 8 सीटों के लिए केवल 8 उम्मीदवार मैदान में उतरे। जिसके चलते शुक्रवार को सभी निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए हैं।

भाजपा के 8 उम्मीदवारों ने जीता चुनाव
  • सुरेंद्र नागर
  • लक्ष्मीकांत बाजपेयी
  • राधामोहन दास अग्रवाल
  • दर्शना सिंह
  • संगीता यादव
  • के लक्ष्मण
  • मिथिलेश कुमार
  • और बाबू राम निषाद

 समाजवादी पार्टी से इन तीन उम्मीदवारों ने चुनाव जीता
  • कपिल सिब्बल
  • जयंत चौधरी
  • जावेद अली

परिणाम घोषित करने के लिए मतदान करवाने की जरूरत नहीं पड़ी
संसद के उच्च सदन राज्यसभा के चल रहे चुनाव में 10 जून को  मतदान करवाना था लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ी। दरअसल, उत्तर प्रदेश में 11 सीटों के लिए चुनाव करवाया गया। विधानसभा में सिटिंग एमएलए की संख्या के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी 8 और समाजवादी पार्टी 3 सीट जीत सकती थी। इसी वजह से भाजपा ने 8 और सपा ने 3 प्रत्याशी ही मैदान में उतारे थे। जिसके चलते मतदान करवाने की आवश्यकता नहीं पड़ी।

वेस्ट यूपी से 3 बड़े चेहरे राज्यसभा में पहुंचे
राज्यसभा के लिए चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 3 बड़े चेहरे निर्वाचित हुए हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी व राज्यसभा के मौजूदा उपसभापति सुरेंद्र सिंह नागर शामिल हैं। सुरेंद्र नागर फिलहाल उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्हें भाजपा में बड़ा गुर्जर नेता माना जाता है। सुरेंद्र नागर 57 साल के हैं और वह पिछले 24 वर्षों से किसी ना किसी सदन में काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि उन्होंने राज्यसभा के लिए तीसरी बार चुनाव जीता है। निवर्तमान कार्यकाल में उन्होंने 6 वर्ष पूरे करने के लिए दो चुनाव लड़े थे। सत्ता पक्ष से दूसरा बड़ा चेहरा लक्ष्मीकांत बाजपेई हैं। लक्ष्मीकांत बाजपेई उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज ब्राह्मण नेता हैं। वह यूपी बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में ही नरेंद्र मोदी ने पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें पार्टी को रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल हुई थी। हालांकि, वे पिछले करीब 8 वर्षों से भाजपा की मुख्यधारा से बाहर थे। अब उन्हें एक बार फिर पार्टी सामने लेकर आई है। लक्ष्मीकांत वाजपेई को तरजीह नहीं मिलने के कारण भाजपा नेतृत्व की लगातार आलोचना की जा रही थीं। जब पार्टी कांग्रेस से जितिन प्रसाद को लेकर आई तो उस वक्त राजनीतिक विश्लेषकों ने तीखी आलोचनाएं की थीं। अब लक्ष्मीकांत वाजपेई देश के उच्च सदन में काम करेंगे।

सपा ने गठबंधन धर्म निभाकर जयंत को राज्यसभा भेजा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विपक्ष के सबसे बड़े नेता जयंत चौधरी राज्यसभा चुनाव जीत गए हैं। समाजवादी पार्टी ने गठबंधन धर्म निभाते हुए जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजा है। समाजवादी पार्टी के हिस्से में 3 सीट आई हैं। जिनमें से अखिलेश यादव ने एक सीट राष्ट्रीय लोकदल को दे दी। इससे पश्चिम उत्तर प्रदेश में विपक्ष को मजबूती मिलेगी। अखिलेश यादव को लेकर वेस्ट यूपी के जाट समुदाय में निश्चित रूप से भरोसा बढ़ेगा। जयंत चौधरी 2014 का लोकसभा चुनाव मथुरा से हार गए थे। इसके बाद 2019 का चुनाव बागपत से भी हार गए थे। अब करीब 8 वर्षों बाद जयंत चौधरी की संसद में वापसी हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वालों का कहना है कि जयंत चौधरी के संसद में पहुंचने से किसान राजनीति को बल मिलेगा। समाजवादी पार्टी के इस फैसले का असर उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी पड़ेगा।

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