Uttar Pradesh Special : पिछड़ा या ब्राह्मण होगा यूपी भाजपा का अगला अध्यक्ष, जानिए किन नामों की राजनीतिक गलियारों में चर्चा

Tricity Today | भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल का फूल



Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह योगी आदित्यनाथ सरकार में शामिल हो गए हैं। आपको बता दें कि स्वतंत्र देव सिंह जब यूपी बीजेपी के अध्यक्ष बने थे तो पहली योगी सरकार में मंत्री थे। मंत्री पद छोड़कर उन्होंने अध्यक्ष पद का दायित्व निर्वाह किया था। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। भाजपा के शीर्ष और विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगला अध्यक्ष ब्राह्मण या पिछड़ी जाति से होगा। लिहाजा, कई नामों की चर्चा तेजी से चल रही है।

इसी महीने यूपी भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष
मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में भाजपा को इसी महीने अपना नया अध्यक्ष मिल सकता है। कुछ बड़े भाजपा नेताओं ने तो यहां तक बताया है कि 21 मई से पहले नए अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी। अगर कोई अड़चन आई तो हर हाल में महीने के अंत तक पार्टी नेतृत्व इस पर फैसला कर सकता है। स्वतंत्र देव सिंह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं और अब वह योगी सरकार में मंत्री बन चुके हैं। जल्दी ही उनका कार्यकाल पूरा होने वाला है। लोकसभा चुनाव में बमुश्किल 2 वर्ष बाकी बचे हैं। ऐसे में अगर स्वतंत्र देव सिंह कार्यकाल पूरा करते हैं तो उनके उत्तराधिकारी को लोकसभा चुनाव से जुड़ी तैयारियां करने का बेहद कम वक्त मिलेगा। कुल मिलाकर भाजपा में सूबे के नए मुखिया को लेकर लगातार मंथन चल रहा है।

राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले नियुक्ति संभव
भारतीय जनता पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत है। स्वतंत्र देव सिंह के पास फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री पद, दोनों हैं। लिहाजा, दोनों दायित्व एक साथ रखना संभव नहीं है। जिसकी वजह से जल्द नए पार्टी अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है। जानकारी के मुताबिक 20-21 मई को जयपुर में बीजेपी राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी। इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्त की जा सकती है। साथ ही राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश में नए संगठन मंत्रियों की नियुक्ति सम्भव है।

प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं ये नाम
जैसा हमने आपको बताया इस मर्तबा भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किसी ब्राह्मण या पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले नेता को दे सकती है। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में ब्राह्मण नेताओं में कन्नौज के सांसद और प्रदेश महामंत्री सुब्रत पाठक का नाम चल रहा है। अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, नोएडा के सांसद डॉ.महेश शर्मा और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक के नाम भी प्रमुख हैं। इसी तरह पिछड़े वर्ग में केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा, केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान, प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह, पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के सांसद पुत्र राजवीर सिंह, पश्चिम के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल और प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य के नाम चर्चाओं में हैं। दलित वर्ग से भी कुछ नेताओं के नाम राजनीतिक गलियारों में तैर रहे हैं। जिनमें केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, सांसद विनोद सोनकर और रामशंकर कठेरिया प्रमुख हैं।

संगठन में काम कर रहे नेताओं को मिलेगी प्राथमिकता
भारतीय जनता पार्टी के एक शीर्ष नेता ने बातचीत के दौरान कहा, "वैसे तो उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पास करीब 20 नेता ऐसे हैं, जिनमें से किसी को भी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है और वह बखूबी इसका निर्वाह कर सकते हैं। ठीक 2 साल बाद लोकसभा चुनाव होगा। भारतीय जनता पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संगठन में काम कर रहे किसी नेता को ही सौंपा जाएगा।" अगर ऐसा हुआ तो सुब्रत पाठक, मोहित बेनीवाल, अमरपाल मौर्य और विजय बहादुर पाठक प्रबल दावेदार बन जाते हैं।

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