Noida/Mathura : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नशा तस्करों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत यूपी एसटीएफ (UP STF) ने बड़ी कार्रवाई की है। राजस्थान से लाई जा रही गांजे की बड़ी खेप मथुरा में पकड़ी गई है। इंटरस्टेट तस्करों के गैंग को भी एसटीएफ ने पकड़ा है। 9 तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। इनके कब्जे से मिले गांजे की कीमत 4 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। बड़ी बात यह है कि गिरफ्तार किए गए गांजा तस्करों में 7 लोग मुरादाबाद के रहने वाले हैं। तस्करों के इस गैंग में कई मेंबर उड़ीसा और राजस्थान के भी शामिल हैं।
राजस्थान से यूपी आ रही थी बड़ी खेप
नोएडा एसटीएफ टीम ने राजस्थान से आ रहे अवैध गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया है। 16 कुंतल गांजा तीन वाहनों में ले जाया जा रहा था। पकड़े गए इस गांजे की कीमत करीब चार करोड़ रुपये बताई जा रही है। एसटीएफ ने तस्करों की गिरफ्तारी मथुरा में की है। इस ऑपरेशन में मथुरा पुलिस भी शामिल रही। इस गिरोह के 9 लोग गिरफ्तार हैं। गिरफ्तार आरोपियों में अधिकतर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। तस्करों से पूछताछ की जा रही है कि आखिर इतनी बड़ी गांजे की खेप की सप्लाई कहां-कहां होनी थी।
मथुरा पुलिस ने पूरे गैंग को गिरफ्तार कर जेल भेजा
दरअसल, नोएडा एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि राजस्थान के भरतपुर से भारी मात्रा में गांजा लाया जा रहा है। एसटीएफ ने मथुरा पुलिस की मदद से पूरे इलाके की घेराबंदी की। रात में जैसे ही गांजा तस्कर मथुरा पहुंचे, एसटीएफ ने उन्हें दबोच लिया। एसटीएफ की टीम ने ट्रक के अंदर से 16 कुंटल अवैध गांजा, एक बोलेरो कार, एक स्विफ्ट कार, 41 हजार रुपए कैश और 13 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। यूपी एसटीएफ ने तस्करों के इस गैंग को मथुरा पुलिस को सौंप दिया है। मथुरा पुलिस अब आगे की कार्यवाही करेगी।
अधिकतर गांजा तस्कर मुरादाबाद के निवासी
एसटीएफ ने मोहम्मद आलम, फुरकान, जुबैर आलम, बाबू, मुनाजिर, इरशाद, फिरोज को गिरफ्तार किया है। यह सभी मुरादाबाद जिले में बरैंठा, थाना मानठेर मुरादाबाद के रहने वाले हैं। विनय उर्फ भूरा आगरा में कैलाश मंदिर रोड सरोज विहार कॉलोनी, थाना सिकंदरा का रहने वाला है। सतीश जयपुर में रहता है। वह मूल रूप से कोरापुर (ओडिशा) का रहने वाला है। इन सभी तस्करों को यूपी एसटीएफ और मथुरा पुलिस ने कंबाइंड ऑपरेशन में गिरफ्तार किया है।
ट्रक ड्राइवर से बना तस्कर, फिर गैंग बना लिया
एसटीएफ की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि मुख्य आरोपी असलम है। उसने पूछताछ में बताया है कि उसके गांव में वहीद नाम का एक व्यक्ति रहता था। जिसके लिए वह 10 साल पहले गांजा की तस्करी ट्रक के माध्यम से करता था। वह उसके यहां बतौर ड्राइवर का काम करने गया था, लेकिन धीरे-धीरे एक राज्य से दूसरे राज्य ट्रक में गांजा भर कर तस्करी करने लगा। इस काम के लिए उसे लाखों रुपए मिलते थे। एसटीएफ के मुताबिक ने उसने कबूलनामा किया है कि अब वह यह काम चार-पांच सालों से खुद कर रहा है।
भूसा और सब्जी के ट्रकों में होती है गांजा तस्करी
असलम ने बताया है कि उड़ीसा के रहने वाले कार्तिक से माल लेता था। असलम अपने ट्रक चालक को 25% कैश के रूप में एडवांस देकर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में जबलपुर के ट्रांसपोर्ट नगर के पास पेट्रोल पंप भेजता था। जहां से कार्तिक के आदमी ट्रक को उड़ीसा में कोरापुट ले जाते थे। वहां सब्जी और भुसे के बीच गांजे को ट्रक में भरकर वापस कार्तिक के आदमी पेट्रोल पंप पर वापस छोड़ दिया करते थे। जिसके बाद असलम का ट्रक चालक और कार्तिक का एक आदमी सतीश ट्रक में बैठकर वहां से गांजा लेकर निकल जाते थे। आखिर में असलम गांजे को बेचकर कैश रुपए सतीश को दे दिया करता था।