इंसाफ की जंग: 27 साल पहले रेप की वजह से पैदा हुआ बेटा अपनी मां को दिलवाएगा न्याय, कोर्ट से दर्ज करवाई एफआईआर

Google Image | 27 साल पहले हुए दुष्कर्म मामले में अब मामला दर्ज हुआ है



उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां की एक अदालत के आदेश पर 27 साल बाद मामला दर्ज हुआ है। पीड़िता के साथ 12 साल की उम्र में दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद की परिस्थितियां सामान्य रहीं। मगर अब हादसे के 27 वर्ष बाद अदालत के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हुई है। पुलिस पीड़िता के बेटे का डीएनए कराएगी। उसके बाद मामले की सच्चाई सामने आ पाएगी।

यह है पूरा मामला
पुलिस अधीक्षक (नगर) संजय कुमार ने शनिवार को इस मामले के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि करीब 27 वर्ष पहले किशोरी अपनी बहन और बहनोई के घर शाहजहांपुर में रहती थी। इस दौरान उसी मोहल्ले में रहने वाला नाकी हसन एक दिन उनके घर में घुस आया और उसने किशोरी से दुष्कर्म किया। शिकायत में कहा गया है कि हसन के बाद उसके छोटे भाई गुड्डू ने भी किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपियों ने बार-बार उसके साथ दुष्कर्म किया। 

13 साल की उम्र में बनी मां
उस वक्त पीड़िता की उम्र 12 साल थी। महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि 13 साल की उम्र में वह गर्भवती हो गई थी और साल 1994 में उसने एक बच्चे को जन्म दिया था। लोकलाज के चलते इस बच्चे को शाहाबाद क्षेत्र के उधमपुर गांव के एक व्यक्ति को दे दिया गया। इसी बीच पीड़िता के बहनोई का स्थानांतरण रामपुर जिले में हो गया और किशोरी भी उनके साथ चली गई। 

पति ने दस साल बाद दिया तलाक
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बहनोई ने किशोरी की शादी गाजीपुर जिले के एक व्यक्ति के साथ करा दी। परंतु हादसे के 10 वर्ष बाद जब उसके पति को दुष्कर्म की घटना का पता चला, तो उसने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। इसके बाद महिला अपने गांव आकर रहने लगी। अधिकारी ने बताया कि अब तक महिला का बेटा बड़ा हो गया था। उसने अपने माता-पिता के बारे में जानना चाहा, तो उसकी मां के बारे में जानकारी दी गई। बड़ी मुश्किल के बाद बेटा अपनी मां से मिल सका। तब उसे पूरी घटना के बारे में पता चला। 

बेटे का डीएनए टेस्ट कराएगी पुलिस
महिला की शिकायत पर सदर बाजार पुलिस थाने में दो लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। पीड़िता के बेटे का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। दरअसल पीड़िता ने पहले पुलिस से मामला पंजीकृत करने की फरियाद की थी। मगर पुलिस ने टालमटोल किया। तब मजबूरन उसे अदालत का दरवाजा खटखटाया पड़ा। कोर्ट ने पुलिस को मामला पंजीकृत करने का आदेश दिया।

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