बिकरू कांड के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी तंत्र को साफ करने में जुटे हैं। ताजा मामले में विकास दुबे से घनिष्ठ संबंधों की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया। प्रशासन ने मंगलवार को चौबेपुर के खंड विकास अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बताते चलें कि राज्य की बागडोर संभालने के बाद से योगी आदित्यनाथ सरकारी महकमों में अपराधियों के करीबियों पर लगातार शिकंजा कस रही है। अब तक राज्य सरकार ने करीब 800 अधिकारियों पर कार्रवाई की है।
कानपुर जिले में चौबेपुर इलाके के बिकरू कांड को करीब छह महीने पूरे हो चुके हैं। पर पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अपराधी विकास दुबे से जुड़े लोगों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कुछ दिन पहले ही विकास दुबे से संबंधों की वजह से एक सरकारी कर्मचारी को निलंबित किया गया था। मंगलवार को अपराधी विकास दुबे से नजदीकी के चलते चौबेपुर के खंड विकास अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। एसआईटी ने अपनी जांच में भी चौबेपुर के खंड विकास अधिकारी आलोक पांडे की संलिप्तता पाई है।
एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि चौबेपुर के खंड विकास अधिकारी लगातार अपराधी विकास दुबे के संपर्क में थे। खंड विकास अधिकारी विकास दुबे के गैर-कानून गतिविधियों में शामिल थे। विकास दुबे की इच्छानुसार ही बिकरू और आसपास के एरिया में मनरेगा व अन्य योजनाओं में धांधली की जाती थी। खंड विकास अधिकारी आलोक पांडे पर बेहद गंभीर आरोप लगे थे।
इसके चलते सरकार के निर्देश पर आलोक पांडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। सीडीओ महेंद्र कुमार ने निलंबन की पुष्टि की। उन्होंने मीडिया को बताया कि सरकार के दिशा-निदेर्श पर चौबेपुर के खंड विकास अधिकारी आलोक पांडे को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया है। सरकार उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है।